श्री गणेश का नहीं, उनकी 'प्रतिमा' का विसर्जन करें

Webdunia
जब से श्री गणेशोत्सव आरंभ हुआ है एक बात प्रचलन में आई है कि हम श्री गणेश की प्रतिमा या मूर्ति बोलने, कहने या लिखने के स्थान पर सीधे श्री गणेश नाम का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। जैसे मिट्टी के गणेश, या इको फ्रेंडली गणेश, श्री गणेश को कैसे विराजित करें या श्री गणेश को कैसे विसर्जित करें।

तकनीकी कौर पर यह गलत माना जाना चाहिए। हम सभी श्री गणेश के भक्त हैं। हम कौन होते हैं भला भगवान श्री गणेश को बनाने वाले, रचने वाले, मिट्टी से गढ़ने वाले। हम उनकी प्रतिमा या मूर्ति बना सकते हैं लेकिन उन्हें नहीं। ना हम उन्हें विसर्जित कर सकते हैं। भगवान तो हर वक्त हमारे साथ हैं। 
समाजसेवी पद्मश्री डॉ. जनक पलटा मगिलिगन ने मिट्टी के गणेश और गणेश विसर्जन दोनों बातों पर अपनी विनम्र प्रतिक्रिया दी है कि, हम इस योग्य कैसे हो सकते हैं कि सृष्टि के निर्माता का निर्माण कर सके?

दूसरी बात विसर्जन की है, क्या हम अपने घर के बुजुर्गों को कुछ दिन घर में रख कर उन्हें वापिस जाने का कहते हैं? नहीं, तो फिर पालनहार श्री गणेश को हम बिदाई कैसे दे सकते हैं? प्रतीकात्मक रूप से उनकी 'प्रतिमा' का विसर्जन कहा जाए तो यह ज्यादा उचित होगा।

श्री गणेश तो हमारे देवता हैं उन्हें ना हम स्थापित‍ कर सकते हैं, ना बना सकते हैं ना ही विसर्जन कर सकते हैं। हम उनकी प्रतिमा(मूर्ति) ही निर्मित, स्थापित और विसर्जित कर सकते हैं।

मीडिया में प्रचलित पंक्तियां- श्री गणेश को बिदा किया, मिट्टी के गणेश बनाना सीखें, श्री गणेश को स्थापित किया जैसे वाक्यों के स्थान पर श्री गणेश प्रतिमा को विसर्जित किया, श्री गणेश की मिट्टी से प्रतिमा या मूर्ति बनाना सीखें, और श्री गणेश प्रतिमा स्थापित की गई जैसे वाक्यों का प्रयोग होना चाहिए। 
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Shardiya navratri 2025: शारदीय नवरात्रि 2025: कन्या पूजा और भोज के नियम और विधि

Shardiya navratri 2025: शारदीय नवरात्रि पर दुर्गा चालीसा पढ़ने के खास नियम जरूर जानें

Shardiya navratri 2025: शारदीय नवरात्रि 9 नहीं इस बार 10 दिनों की, जानिए कौनसी तिथि रहेगी 2 दिन

Navratri 2025: कैसे करें दुर्गा सप्तशती का पाठ, जानें सही विधि

Shardiya navratri 2025: शारदीय नवरात्रि में माता कालिका की उपासना करें या नहीं

सभी देखें

धर्म संसार

25 September Birthday: आपको 25 सितंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 25 सितंबर, 2025: गुरुवार का पंचांग और शुभ समय

क्या है बंगाल में महानवमी पर होने वाले धुनुची नृत्य का धार्मिक और पौराणिक महत्व

Shadashtak Yoga 2025: शनि मंगल का षडाष्टक योग, 3 राशियों को मिलेगा लाभ ही लाभ

Sharadiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि के 10 चमत्कारिक उपाय: जीवन में सुख, शांति और समृद्धि के लिए

अगला लेख