Ganesh visarjan 2024 date: अनंत चतुर्दशी 2024 में कब है, श्री गणेश विसर्जन के कौन से हैं शुभ मुहूर्त?

Ganesh Visarjan Muhurta 2024: जानिए गणपति मूर्ति के विसर्जन का तरीका और मंत्र

WD Feature Desk
गुरुवार, 29 अगस्त 2024 (12:37 IST)
Ganesh Visarjan Muhurta 2024: भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन 10 दिवसीय गणेश उत्सव प्रारंभ होगा यानी 07 सितंबर 2024 शनिवार के दिन और इसके बाद भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन होगा यानी 17 सितंबर 2024 मंगलवार के दिन। इसी दिन अतंन चतुर्दशी का पर्व भी मनाया जाएगा। आओ जानते हैं विसर्जन एवं अनंत चतुर्दशी पूजा का शुभ मुहूर्त।
 
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ- 16 सितम्बर 2024 को दोपहर बाद 03:10 बजे से।
चतुर्दशी तिथि समाप्त- 17 सितम्बर 2024 को सुबह 11:44 बजे तक।
 
अनन्त चतुर्दशी पूजा मुहूर्त- प्रात: 06:07 से सुबह 11:44 तक।
 
गणेश विसर्जन के लिए शुभ चौघड़िया: 
प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत)- सुबह 09:11 से दोपहर 01:47 के बीच।
अपराह्न मुहूर्त (शुभ)-  दोपहर बाद 03:19 से 04:41 के बीच।
सायाह्न मुहूर्त (लाभ)- रात्रि 07:51 से रात्रि 09:19 के बीच। 
गणेश विसर्जन और अनंत चतुर्दशी पूजा के लिए शुभ महुर्त:
ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: 04:33 से 05:30 तक।
प्रातः सन्ध्या- प्रात: 04:47 से 06:07 तक।
अमृत काल- सुबह 07:29 से 08:54 तक।
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:51 से 12:40 तक।
विजय मुहूर्त- दोपहर बाद 02:18 से 03:07 तक।
गोधूलि मुहूर्त- शाम 06:23 से 06:47 तक।
सायाह्न सन्ध्या- शाम 06:23 से 07:34 तक।

श्री गणेश विसर्जन मंत्र 1
यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्।
इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च॥
 
श्री गणेश विसर्जन मंत्र 2
गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ स्वस्थाने परमेश्वर।
मम पूजा गृहीत्मेवां पुनरागमनाय च॥
 
गणपति मूर्ति का विसर्जन का तरीका-
  • भगवान गणेशजी की विधिवत पूजा करने के बाद, हवन करें और फिर गणेश का स्वस्तिवाचन का पाठ करें।
  • अब एक लड़की का स्वच्छ पाट लें और उस पर स्वस्तिक बनाएं। फिर अक्षत रखकर पीला या गुलाबी रंग का वस्त्र बिछाएं और चारों कोनों में पूजा की सुपारी रखें।
  • अब जिस स्थान पर मूर्ति रखी थी उसे पर से उठाकर जयघोष के साथ उन्हें इस पाट पर विराजमान करें।
  • विराजमान करने के बाद गणेशजी के सामने फल, फूल, वस्त्र और मोदक के लड्डू रखें।
  • एक पार पुन: आरती करके उन्हें भोग लगाएं और नन्हें नए वस्त्र पहनाएं।
  • अब रेशमी वस्त्र लेकर उसमें फल, फूल, मोदक, सुपारी आदि की पोटली बांधकर गणेशजी के पास ही रख दें।
  • इसके बाद दोनों हाथ जोड़कर गणपतिजी से प्रार्थना करें। अगर 10 दिनों की पूजा के दौरान को भूल-चूक या गलती हो गई हो तो क्षमा मांगे।
  • अब सभी गणपति बप्पा मोरिया के नारे लगाते हुए बप्पा को पाट सहित उठकर अपने सिर या कंधे पर रखें और जयकारे के साथ घर से विदा करने विसर्जन स्थान पर ले जाएं।
  • विसर्जन के स्थान पर ध्यान रखें कि चीजों को फेंके नहीं, बल्कि पूरे मान सम्मान के साथ विसर्जित करें। इसके बाद हाथ जोड़कर क्षमा मांगते हुए अगले बरस आने का निवेदन करते हुए घर आ जाएं। विसर्जन के समय उनकी कर्पूर से आरती जरूर करें।
 
घर पर गणेश मूर्ति का विसर्जन कैसे करें-
  1. यदि घर पर ही किसी टब या होद में विसर्जन कर रहे हैं तो उपरोक्त पूरी प्रक्रिया को निभाएं। 
  2. निर्माल्य को एक जगह एकत्रित करके उचित जगह पर विसर्जन करें।
  3. घर में विसर्जन करने के बाद अगले दिन वह पानी और मिट्टी घर के गमले या गार्डन में विसर्जित कर दें।
     

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