बाईं सूंड वाले गणपति ज्यादा शुभ?

सिद्ध माने जाते हैं बाईं सूंड वाले गणपति

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गणपति प्रथम पूज्य हैं। गणपति की आराधना जितनी सरल है उतनी ही कठिन भी है। गणपति की प्रतिमा को लेकर एक जिज्ञासा हमेशा रहती है कि उनकी सूंड किस दिशा में होना चाहिए। कहीं दाईं ओर तो कहीं बाईं ओर सूंड वाले गजानन दिखलाई देते हैं। लेकिन बाईं ओर सूंड वाले गणपति ज्यादा सिद्ध माने जाते हैं।

माना जाता है कि बाईं ओर की सूंड किए गणपति हमेशा ही सकारात्मक नतीजे देते हैं। वैसे भी गणपति को बुद्धि का देवता कहा जाता है। यदि विज्ञान के दृष्टिकोण से देखें तो बुद्धि दो भागों में बटीं होती है। दाईं तरफ के हिस्से को कर्म प्रधान कार्यों में महारत हासिल होती है जबकि बाएं तरफ का हिस्सा रचनात्मकता में प्रवीण होता है।

बाईं सूंड वाले गणपति रचनात्मक बुद्धि के प्रतीक माने जाते हैं।

जिस किसी भी घर, दुकान, प्रतिष्ठान आदि में बाईं सूंड वाले गणपति की प्रतिमा स्थापित की जाती है वहां हमेशा रचनात्मक कार्यों के प्रति लगाव बना रहता है। ऐसा स्थान हमेशा प्रगति करता है। ऐसे स्थान पर विध्वंस और नकारात्मक विचारों का अभाव होता है।
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