गंगा दशहरे पर बन रहे हैं गजकेसरी योग : केशर को गंगाजल में घोल कर शिव को चढ़ाने से मिलेगा आश्चर्यजनक लाभ

Webdunia
आपने एक भजन सुना होगा.. गंगाजल मां केशर घोलूं, लाड़ लड़ाऊं श्याम ना.... यह एक गुजराती भजन है जो केशर को गंगाजल में घोलकर ठाकुर जी के स्नान की महत्व बताता है लेकिन हम इससे जुड़ी दूसरी रोचक जानकारी दे रहे हैं..

असल में गजकेसरी योग गुरु और चंद्र की युति से बनता है अब इसे ऐसे देखिए कि गंगा दशहरा 2022 पर गजकेसरी योग बन रहे हैं यानी चंद्र और गुरु साथ में आ रहे है। गुरु का प्रतीक केशर है और चंद्र का प्रतीक जल है और गंगा दशहरा पर गंगाजल का महत्व बताने की जरूरत नहीं है इस दिन पुष्य नक्षत्र भी है अत: अगर इस शुभ संयोग में गंगाजल में केशर घोल कर अपने कोई भी प्रिय देवता को चढ़ाएंगे तो यह अत्यंत शुभ और कल्याणकारी होगा... 
 
देवताओं में भी अगर भोलेनाथ के प्रतीक शिवलिंग पर यह केशर मिश्रित गंगाजल अर्पित करेंगे तो गजकेसरी योग में यह प्रयोग अपार धन संपदा का मालिक बना देगा।  
 
गंगा दशहरा के दिन मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। इस वर्ष गंगा दशहरा पर गजकेसरी योग, लक्ष्मी योग और रवि योग बन रहा है, इस दिन पुष्य नक्षत्र भी है। गंगा दशहरा पर यह संयोग अत्यंत बिरले हैं, अत: फायदा जरूर उठाएं। आप चाहे तो किसी मंदिर में और संभव न हो तो घर में शिवलिंग का केशर मिश्रित गंगाजल से स्नान कराएं.... केशर को गंगाजल में घोल कर शिव को चढ़ाने से शर्तिया आश्चर्यजनक लाभ मिलेगा...  

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

मार्गशीर्ष अमावस्या पर पितरों को करें तर्पण, करें स्नान और दान मिलेगी पापों से मुक्ति

जानिए क्या है एकलिंगजी मंदिर का इतिहास, महाराणा प्रताप के आराध्य देवता हैं श्री एकलिंगजी महाराज

Saturn dhaiya 2025 वर्ष 2025 में किस राशि पर रहेगी शनि की ढय्या और कौन होगा इससे मुक्त

Yearly Horoscope 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों का संपूर्ण भविष्‍यफल, जानें एक क्लिक पर

Family Life rashifal 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों की गृहस्थी का हाल, जानिए उपाय के साथ

सभी देखें

धर्म संसार

30 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

30 नवंबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

मेष राशि पर 2025 में लगेगी साढ़ेसाती, 30 साल के बाद होगा सबसे बड़ा बदलाव

property muhurat 2025: वर्ष 2025 में संपत्ति क्रय और विक्रय के शुभ मुहूर्त

ताजमहल या तेजोमहालय, क्या कहते हैं दोनों पक्ष, क्या है इसके शिव मंदिर होने के सबूत?

अगला लेख