अमेठी में राहुल के खिलाफ कुल 34 उम्मीदवार मैदान में है। उनमें भाजपा की स्मृति ईरानी और आप के प्रत्याशी कुमार विश्वास के अलावा पांच राम, एक भगवान, एक गांधी और एक किन्नर भी शामिल है।
जाहिर तौर पर यहां का चुनावी रण राहुल, स्मृति और विश्वास के बीच खिंचा नजर आता है लेकिन बाकी प्रत्याशियों की भी उम्मीदें जवां हैं और वे मानते हैं कि चुनाव में उनकी भी चमकदार सम्भावनाएं हैं।
प्रगतिशील मानव समाज पार्टी के टिकट पर अमेठी से चुनाव लड़ रहे राम नेवाज ने बताया कि अगर राहुल गांधी ने क्षेत्र में काम किया होता तो क्या मैं चुनाव लड़ता। मेरा प्रचार अभियान जोरदार तरीके से चल रहा है। मुझे उम्मीद है कि जनता मुझे चुनेगी।
क्षेत्र में राम नाम के एक और प्रत्याशी हैं। करीब 40 वर्षीय निर्दलीय उम्मीदवार रामसजीवन अपनी जीत के लिए पूरी तरह आश्वस्त हैं। वह कहते हैं कि आप लिखाकर ले लीजिए, मैं चुनाव जीत रहा हूं। इस वक्त मैं नम्बर एक पर चल रहा हूं। जितना समर्थन मुझे मिल रहा है, उतना किसी को नहीं मिल रहा है।
यह पूछने पर कि उनका क्या एजेंडा है, रामसजीवन ने कहा कि मेरा कोई एजेंडा नहीं है। मैं बस लोगों से कह रहा हूं कि मुझे वोट दीजिये, मैं क्षेत्र का विकास कराउंगा। बातें कम, काम ज्यादा-यही मेरा एजेंडा है।
एक अन्य प्रत्याशी भगवान दीन निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अमेठी से भाग्य आजमा रहे हैं। वह भी पूरी तरह आश्वस्त हैं कि अमेठी की जनता उन्हें चुनाव जिताएगी।
अमेठी से एक और ‘गांधी’ भी चुनाव लड़ रहा है। किसान मजदूर बेरोजगार संघ के प्रत्याशी गोपाल स्वरूप गांधी इस सीट से अप्रत्याशित जीत हासिल करने के प्रति आश्वस्त हैं। औरैया के रहने वाले गांधी का दावा है कि राहुल द्वारा आम जनता की उपेक्षा किये जाने से उनकी जीत का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
राहुल को एक किन्नर सोनम भी चुनौती दे रहा है। वह क्षेत्र में घूम-घूम प्रचार कर रहा है कि अगर जनता ने उसे चुना तो वह क्षेत्र का विकास करेगा। (भाषा)