मोदी और केजरीवाल को हाल ही में 'टाइम' पत्रिका की विश्व के 100 सर्वाधिक प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची में जगह मिली थी।
विदेशी मीडिया में यह मानने वालों की कमी नहीं है कि 'आप' नेता अरविंद केजरीवाल और भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के बीच लड़ाई विचारों की लड़ाई है जिनकी गूंज उनके अपने निर्वाचन क्षेत्र की तुलना में वैश्विक श्रोताओं के लिए अधिक है।
एएफपी के दक्षिण एशिया ब्यूरो चीफ क्रिस ओटोन ने कहा कि वाराणसी में मुकाबला विदेशी मीडिया के लिए इस लोकसभा चुनाव में सर्वाधिक ध्यान खींचने वाला मुकाबला है, क्योंकि अपने समय के दो बहुचर्चित भारतीय राजनीतिज्ञ यहां आमने-सामने हैं।
पिछले कुछ दिनों से इस चर्चित सीट पर हो रहे प्रचार को कवर कर रहे ओटोन ने बताया कि ऐसा बार-बार नहीं होता, जब विश्व के 100 सर्वाधिक प्रभावशाली लोगों की सूची में 'टाइम' पत्रिका द्वारा चुने गए 2 प्रत्याशी एक ही सीट से चुनाव लड़ें। दुनिया के सर्वाधिक प्रभावशाली लोगों की सूची से दो सप्ताह पहले टाइम पत्रिका के ‘रीडर्स पोल’ में केजरीवाल मोदी से आगे थे।
ओटोन ने कहा कि भारतीय चुनावों की प्रक्रिया बहुत लंबी खिंचने के कारण इसमें विदेशियों की दिलचस्पी थोड़ी कम हो गई लेकिन वाराणसी में ‘ग्रैंड फिनाले’ से पहले यह चरम पर पहुंच गई। 'टाइम' पत्रिका की दक्षिण एशिया संवाददाता नीलांजना भौमिक मानती हैं कि यहां मुकाबला भारतीय चुनावों के ‘भावनात्मक केंद्र’ का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि एक ओर मोदी हैं जिनकी जीत सुनिश्चित मानी जा रही है और दूसरी ओर उन्हें केजरीवाल जैसे नौसिखिया चुनौती दे रहे हैं। इसमें कोई दो मत नहीं है कि यह राजनीतिक लड़ाई है लेकिन यह विचारों की भी लड़ाई है और भारत की भावी दिशा का संकेतक भी।
कांग्रेस ने वाराणसी से एक स्थानीय नागरिक तथा पिंडरा विधानसभा सीट से विधायक अजय राय को टिकट दिया है, लेकिन ज्यादातर विदेशी संवाददाताओं का कहना है कि मुख्य मुकाबला मोदी और केजरीवाल के बीच है, जो 12 मई को इस सीट पर होने वाले चुनाव के लिए जबरदस्त प्रचार कर रहे हैं।
मोदी को भारतीय राजनीति का महान ‘शोमैन’ बताते हुए भौमिक ने कहा कि वे मतदाताओं को लुभाने की कला जानते हैं।
उन्होंने कहा कि बेशक मोदी के कई प्रशंसक हैं। वे स्पष्टवादी और बुद्धिमान राजनीतिज्ञ हैं तथा लोगों की भावनाओं पर उनका नियंत्रण भी है। वे जानते हैं कि अपने विचारों के साथ लोगों तक कैसे पहुंचना है।
मोदी के 24 अप्रैल को संपन्न रोड शो के बारे में भौमिक ने कहा कि भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार से इससे कम की उम्मीद किसी को नहीं रही होगी। (भाषा)