सवाल - आपका चुनाव प्रचार ढीला है। कहीं कोई पोस्टर न बैनर न रैली। ऐसा क्यों?
जवाब - देखिए केजरीवाल दो दिन बाद कहां होंगे किसी को नहीं पता। उनकी हवा मीडिया में है। नरेंद्र मोदी की हवा दो-तीन घाटों से आगे नहीं है। अस्सी घाट, प्रहलाद घाट और राजघाट के बाद वाराणसी में मोदी खत्म हो जाते हैं। मैं तीन बार का विधायक हूं, फिलहाल मंत्री हूं। चुनाव लड़ना जानता हूं। मैं हवा में नहीं ज़मीन पर हूं। मैं अलग तरह से चुनाव लड़ता हूं।
सवाल - ऐसा है तो मीडिया में आपका कहीं कोई ज़िक्र नहीं है। मीडिया आपको बिलकुल तवज्जो ही नहीं दे रहा। ऐसा लग ही नहीं रहा कि सपा यहां से चुनाव लड़ रही है।
जवाब - मीडिया का मामला तो प्रबंधन वाला है। मोदी का मीडिया प्रबंधन अच्छा है। मगर ग्रासरूट पर यह चीजें काम नहीं करतीं। केजरीवाल को नहीं पता कि इधर कितने गांव हैं। मोदी को नहीं पता वाराणसी में घाट कितने हैं।
सवाल - आपको पता है?
जवाब - हां स्थानीय आदमी हूं। मिर्जापुर से विधायक हूं, जो वाराणसी से लगा हुआ इलाका है। यहां के लोगों से मेरे निजी संबंध हैं। मुझे इन दिग्गजों के सामने टिकट दिया ही इसलिए गया है कि मैं लोगों का दिल जीतता हूं। पहला चुनाव मैं आठ हजार वोटों से जीता। दूसरा बारह से और तीसरा चौबीस से। कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र की जमानत मेरे सामने जब्त हो गई थी। भाजपा, कांग्रेस, बसपा मैंने सबको हराया है।
सवाल - सुना है यहां चौरसिया वोट ज्यादा हैं।
जवाब - हां पौने दो लाख हैं। मगर जहां से मैं जीतता हूं, मिर्जापुर वहां केवल 1500 चौरसिया वोट हैं। और मैं स्वजातीय बंधुओं से मदद मांगने में नहीं शर्माता। देश भर से अपनी बिरादरी वालों को बुला रहा हूं कि आओ और काम करो। गर्व का विषय है कि अखिलेश जी ने इतने बड़े लोगों के सामने चौरसिया समाज के एक आदमी को उतारा है। चौरसिया समाज के इस छोटे आदमी को मंत्री उन्होंने बनाया है। मगर मैं सबको लेकर चलता हूं। अल्पसंख्यक, व्यापारी..सबसे सहजता से मिलता हूं। केजरीवाल और मोदी से आप इस तरह नहीं मिल सकते।
सवाल - मुज़फ्फर नगर दंगो के लिए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को दोषी माना है। क्या इससे वोट कम नहीं होंगे?
जवाब - बनारस की बात कीजिए ना। आप कहां मुज़फ्फर नगर चले गए।
सवाल - सांसद का चुनाव पहली बार लड़ रहे हैं?
जवाब - हां तो क्या हुआ? तीन बार का विधायक भी तो हूं।
सवाल - कहा जा रहा है कि मोदी को सपा केजरीवाल से हरवाना चाहती है। इसीलिए चुनाव में आपकी तरफ से कोई दम ही नहीं लगाया जा रहा।
जवाब - कौन कहता है? हमारा चुनाव प्रचार अभी शुरू होगा। इन मेहमानों को आकर चले जाने दीजिए। फिर देखिएगा कि हम क्या करते हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री होने का मोदी को बड़ा नाज़ है। मगर गुजरात तो यूपी का एक तिहाई भी नहीं है। यहां उन्हें मालूम पड़ेगा कि चुनाव क्या होते हैं। मेरे पास अंदर की खबर यह है कि मोदी यहां के चुनाव से हटना चाहते हैं। कोई बड़ी बात नहीं जो वे कोई बहाना बना कर यहां से खिसक लें।
सवाल - इस खबर का आधार क्या है?
जवाब - हमारे अपने जरिये हैं।