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अलपुझा की बजाय कोल्लम से नामांकन करवाने की क्या योजना थी? *आठ मार्च को आप ने अलपुझा से मेरी उम्मीदवारी तय की और हमने प्रचार शुरू कर दिया था, लेकिन 10 मार्च को त्रिवेंद्रम में हुई एक बैठक के दौरान तय किया गया कि उन्होंने मुझे कोल्लम से उम्मीदवार बना दिया है। यह आश्चर्यचकित करने वाली घोषणा थी। उन्होंने एक झूठा बहाना बनाया कि अलपुझा विद्रोहियों का गढ़ है, इसलिए में कोल्लम के लिए सबसे ठीक रहूंगी।
मैं नहीं कहती कि राजनीति दलों में इस तरह के व्यवहार अप्रत्याशित हैं, लेकिन आप की ओर से कुछ खूबियों का दावा किया जाता है, यह विचित्र और अप्रत्याशित बात थी। इसके बाद तो जिला समिति सदस्यों के बीच विवाद पैदा हो गया और मैं पूरी तरह से स्तब्ध रह गई। इस ड्रामे का समापन इस तरह से हुआ कि मुझे पार्टी की अधिकृत वेबसाइट पर कोल्लम से उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। मैं इन बातों से नाराज हो गई और सोचती हूं कि वे न तो मुझे या मेरे विचारों का मूल्य समझते हैं।
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आपने कोल्लम के लिए प्रस्ताव को स्वीकार क्यों नहीं किया? *मैंने अपने को कोल्लम के राजनीतिक वातावरण में जोड़ना ठीक नहीं समझा और कुछ आरोपों पर आप के रुख को मैं पचा नहीं सकी। इसके अलावा, मुझे पता लग गया था कि केरल में आप महत्वाकांक्षी विचारों और खयालों वाले लोगों का एक गुट है। मुझे अलपुझा से हट जाने के लिए बहुत सारे फोन काल्स आए और मुझे पैसों की भी पेशकश की गई। इन संशययुक्त कदमों से मैं पूरी तरह क्रोधित हो गई थी। मैंने आप नेतृत्व से कहा कि वे मुझे नामांकन समेत सभी चीजों से बाहर का रास्ता दिखा दें।
मुझे एक समुचित जवाब देने की बजाय उन्होंने (पार्टी के लोगों ने) फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया पर मेरी उम्मीदवारी को लेकर कुछ झूठी रिपोर्टें प्रकाशित कीं। मुझे आश्चर्य हुआ जब प्रशांत भूषण ने मेरी उम्मीदवारी को ही अनदेखा कर दिया। हालांकि मैं सभी सोशल नेटवर्क्स पर सक्रिय हूं लेकिन मैंने कभी भी अपनी आप की उम्मीदवारी का जिक्र नहीं किया। पर इस सभी लोगों ने मिलकर मुझे विवश कर दिया कि मैं फेसबुक के जरिए हालात का बयान करूं।
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क्या आपसे आप के अलावा किसी और दल ने सम्पर्क किया था? *नहीं, किसी ने भी नहीं।
कुछ नेताओं की कठपुतली है आप...पढ़ें अगले पेज पर...
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इस तरह की अफवाहें हैं कि अलपुझा के एक प्रत्याशी ने एक मध्यस्थ के जरिए आप तक पहुंचने की कोशिश की। आपकी इस पर क्या प्रतिक्रिया है? *नहीं, यह झूठी खबर है।
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अब आपको इन सारी समस्याओं से जूझना पड़ रहा था तब क्या आपने अरविंद केजरीवाल से सम्पर्क करने की कोशिश की? *नहीं, बिलकुल नहीं। इन बेकार की बातों पर मैं पहले ही अपना काफी समय खराब कर चुकी हूं और आप की अंदरूनी झगड़ों और मुद्दों का निपटारा करना मेरी चिंता का विषय नहीं है। लेकिन मैंने कुछ ऐसी रिपोर्ट्स सुनी हैं कि इन आरोपों के बारे में केजरीवाल को जानकारी हुई और दावा किया जाता है कि वे इस पर कोई कार्रवाई करेंगे।
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क्या आप एक झूठी राजनीतिक पार्टी है जिसके विचार झूठे, गलत हैं? *आप ने युवाओं को बहुत प्रभावित किया है और विशेष रूप से सोशल नेटवर्किंग साइट्स से। उन्होंने 'आम आदमी के लिए राजनीति' का एक जादुई नारा भी उछाला था जो कि भीड़ खींचने वाला साबित हुआ। लेकिन असलियत इससे बिलकुल अलग है। केरल में आप पूरी तरह से फेल हो चुकी है जो कि अपने ही सदस्यों को संयोजित, नियंत्रित करने और उनकी इच्छाओं को पूरा करने में नाकाम रही। यह कुछ नेताओं के हाथों की कठपुतली है जो कि आप और अरविंद केजरीवाल द्वारा पैदा की गई प्रवृत्ति का दुरुपयोग कर रहे हैं।
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क्या ऐसा सब कुछ केरल तक ही सीमित है? *हां, मैं ऐसा ही सोचती हूं।
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क्या आप अभी भी एक 'आप' सदस्य हैं? *नहीं, मैं उनकी सदस्यता नहीं रखती हूं।
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क्या आप राजनीति में सक्रिय होने या अन्य किसी दल में शामिल होने की योजना रखती हैं? *नहीं, वास्तव में मुझे पता लग गया है कि राजनीति मेरे बस की बात नहीं है। इस पूरे आप मामले से मुझे जो घृणा और मानसिक तकलीफ मिली है, उससे मेरा यही विश्वास पक्का हुआ है। अब मैं ज्वाला आंदोलन में और अधिक जुड़ने और इसकी गतिविधियों में शामिल होना पसंद करूंगी।