एक 'जंग' विश्वास और केजरीवाल के बीच भी...

Webdunia
आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल और कवि कुमार विश्वास ने यूं तो बनारस और अमेठी लोकसभा क्षेत्र में मुकाबले को रोचक बना ही दिया है, लेकिन उनके बीच मतभेद की खबरें पार्टी की अंदरूनी राजनीति को अलग ही रंग दे रही हैं। राजनीतिक जानकारों की मानें तो आप के इन शीर्ष नेताओं के बीच न सिर्फ विचारधारा की लड़ाई है, बल्कि वर्चस्व की लड़ाई भी है। हालांकि दोनों ही इन बातों को नकारते हैं, लेकिन कुछ तो है जो इन दोनों को एक दूसरे से दूर कर रहा है।
FILE

इस बात को इससे भी बल मिल रहा है कि वाराणसी में जहां केजरीवाल के समर्थन में आम आदमी पार्टी की पूरी टीम डटी हुई है, वहीं अमेठी में कुमार विश्वास अकेले ही किला लड़ा रहे हैं। कुमार ने न सिर्फ पत्नी और बच्चों के साथ अमेठी में डेरा जमा लिया है, बल्कि अकेले ही गांव और गलियों की खाक छान रहे हैं। उनके समर्थन के लिए आप नेता अमेठी नहीं पहुंचे। एक बार अरविन्द केजरीवाल जरूर गए थे, मगर वो भी बेमन से। दूसरी ओर बनारस में संजयसिंह समेत आप की पूरी टीम बनारस में डटी हुई है और केजरीवाल के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है।

वेबदुनिया के साथ कुमार विश्वास का विस्तृत वीडियो इंटरव्यू देखें...


हालांकि वेबदुनिया को दिए इंटरव्यू में कुमार विश्वास कह चुके हैं, आज केजरीवाल मेरे नायक हैं। मगर वे यह कहना भी नहीं भूलते कि अन्ना आंदोलन के समय मैं केजरीवाल से बड़ी शख्सियत था। एक और खास बात है जो इन दोनों को अलग करती है, वह यह कि अरविन्द केजरीवाल लगभग पूरे समय नरेन्द्र मोदी और भाजपा को ही निशाना बनाते हैं, वहीं कुमार विश्वास का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर है, वे मोदी के मंच से कविताएं भी पढ़ चुके हैं और उन पर सीधे हमले से बचते भी हैं।

हार में भी जीत‍ छिपी है... पढ़ें अगले पेज पर...



FILE
ऐसा नहीं लगता कि अरविन्द केजरीवाल और कुमार विश्वास बनारस और अमेठी में परिणाम को बहुत ज्यादा प्रभावित कर पाएंगे, लेकिन दोनों को मिलने वाले वोटों से यह जरूर तय हो जाएगा कि आखिर किसमें कितना दम है। अर्थात दोनों के लिए सम्मानजनक हार भी पार्टी के भीतर जीत की तरह ही होगी।

जानकार मानते हैं कि यदि कुमार विश्वास केजरीवाल के मुकाबले ज्यादा वोट हासिल कर लेते हैं तो आने वाले समय में वे केजरीवाल के वर्चस्व को चुनौती देने की स्थिति में होंगे और यदि उन्हें कम वोट मिलते हैं तो उनकी सेहत पर बहुत ज्यादा अंतर नहीं पड़ने वाला है।

केजरीवाल के लिए यह मुकाबला निश्चित ही 'करो या मरो' का है। यदि उनकी हार बुरी तरह होती है तो कोई संदेह नहीं कि उनका कद पार्टी में घट जाएगा और हो सकता है कि पार्टी में उनके खिलाफ सुर मुखर होने लगें। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि केजरीवाल के साथ बनारस में आम आदमी पार्टी के लगभग सभी नेता लगे हुए हैं। इसके बावजूद यदि वे बुरी तरह हारते हैं, उनके लिए आने वाला समय मुश्किल भरा हो सकता है। हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि पिछले दिनों पार्टी के कुछ लोगों ने केजरीवाल को हटाकर कुमार विश्वास को पार्टी संयोजक बनाने की मांग की थी।

यदि ऐसा कुछ होता है, जिसकी कि संभावना ज्यादा दिख रही हैं तो आम आदमी पार्टी के भीतर ही एक नई 'जंग' की शुरुआत हो जाएगी। जो पार्टी के भविष्य के लिए भी सुखद संकेत नहीं है ।

वेबदुनिया पर पढ़ें

Show comments

जरूर पढ़ें

India Pakistan Attack News : भारत के हमलों से डरकर बंकर में छिपे पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ

क्या है भारत का S-400 डिफेंस सिस्टम, जिसने पाकिस्तान के मिसाइल हमलों को किया नाकाम

या खुदा आज बचा लो, फूट-फूटकर रोने लगा सांसद, Pakistan में Operation Sindoor का खौफ

India Attacks On Pakistan : राजस्थान में जिंदा पकड़ा गया पाकिस्तानी JF-17 का पायलट

पाकिस्तान ने जम्मू को बनाया निशाना, मिसाइलों और ड्रोनों से किया हमला, भारतीय सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब

सभी देखें

नवीनतम

India-Pakistan War : भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच व्हाइट हाउस का बयान, दोनों देशों से क्या चाहते हैं डोनाल्ड ट्रंप

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री बोले- युद्ध के अलावा विकल्प नहीं, लोकेशन जानने के लिए हुआ ड्रोन हमला

26 से ज्यादा शहरों पर पाकिस्तान के ड्रोन हमले, फिरोजपुर में परिवार हुआ घायल, भारत का मुंहतोड़ जवाब, 15 मई तक 32 एयरपोर्ट बंद

India-Pakistan War : पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच WFH शुरू, टेक महिंद्रा, इन्फोसिस ने दी सलाह

India-Pakistan War : पंजाब के फिरोजपुर में एक पाकिस्तानी ड्रोन हमले में परिवार घायल