प्रभुनाथ सिंह

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प्रभुनाथ सिंह का जन्‍म बिहार के छपरा जिले के मशरख में 20 नवंबर 1953 को हुआ। प्रारंभिक शिक्षा छपरा से ही हुई। इसके बाद वे राजनीति में आ गए। कुछ दिनों बाद रामवतीदेवी से शादी हो गई। उनके दो पुत्र एवं दो पुत्रियां हैं।

राष्‍ट्रीय जनता दल के दबंग नेता तथा जदयू के पूर्व सदस्‍य प्रभुनाथ सिंह बिहार के काफी प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। एक समय बिहार के सीवान जिले के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन तथा प्रभुनाथ सिंह (जदयू के पूर्व सांसद) का अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में वर्चस्व था।

चूंकि, महाराजगंज सीवान जिले का क्षेत्र है इसलिए अपने प्रशासनिक कार्यों व चुनावी कार्यों के लिए प्रभुनाथ सिंह सीवान आते-जाते रहते थे। इस दौरान उनके और शहाबुद्दीन के समर्थकों में कभी-कभी झड़पें भी हो जाती थीं। वर्तमान में दोनों नेता राष्‍ट्रीय जनता दल के सदस्‍य हैं इसलिए अब दोनों की दुश्‍मनी भी खत्‍म हो गई है।

प्रभुनाथ सिंह के राजनीतिक करियर की शुरुआत जनता दल से हुई। कुछ समय बाद जनता दल से अलग होकर, जदयू में शामिल हो गए। इसके बाद वे लगातार महाराजगंज की राजनीति में सक्रिय रहे। इसी दौरान उनका सामना सीवान के पूर्व दबंग सांसद शहाबुद्दीन से हुआ और दोनों को एक-दुसरे के दुश्‍मन के तौर पर देखा जाने लगा।

उन्‍होंने पहली बार महाराजगंज संसदीय सीट से 2004 में जदयू के टिकट पर जीत हासिल की। इससे पहले वे क्षेत्रीय स्‍तर की राजनीति में जदयू की तरफ से सक्रिय रहे। 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में वे राजद के प्रत्याशी उमाशंकर सिंह से 3,000 वोटों से हार गए थे। अप्रैल 2009 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे को उछालते हुए, उन पर टिप्पणी कर चर्चा में आए थे। उन्होंने कहा था कि 'उनका चेहरा, उनकी आवाज़ और उनकी भाषा मुझे नापसंद है। एक राष्ट्रीय नेता के रूप में उनकी लोकप्रियता और स्वीकार्यता, देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।'

2012 में वे जदयू से अलग हो गए और राजद के सदस्‍य बन गए। जदयू का दामन छोड़ते समय उन्‍होंने नीतीश कुमार पर पार्टी में दादागिरी करने का आरोप लगाया। जून 2013 में महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र के लिए हुए उपचुनाव में राजद प्रत्याशी प्रभुनाथ सिंह ने जदूय के प्रशांत कुमार शाही को 1 लाख 37 हजार 126 मतों से पराजित कर, उक्त सीट पर कब्जा किया था। इस उपचुनाव में कांग्रेस के जितेन्द्र स्वामी जमानत भी नहीं बचा सके थे।

नवंबर 2013 में नीतीश कुमार के राज को 'अंधेर नगरी, चौपट राजा' कहकर महाराजगंज सांसद प्रभुनाथ सिंह ने एक उनकी भी जमकर बखिया उधेड़ी थी।

इससे पहले जून 2013 में महाराजगंज उपचुनाव के दौरान राजद प्रत्याशी प्रभुनाथ सिंह एवं प्रशिक्षु आइएएस आलोक रंजन घोष के बीच आचार संहिता उल्लंघन को लेकर वाद-विवाद हुआ था।

प्रशिक्षु आइएएस के साथ जिला कृषि पदाधिकारी भरत सिंह भी थे। भरत सिंह के बयान पर भगवानपुर थाना में प्रभुनाथ सिंह के विरुद्ध धारा 188, 504, 341 506, 353, 379, 201 एवं जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत प्राथमिकी कांड सं.103/13 दर्ज की गई थी।

प्रशासनिक अधिकारियों के साथ दु‌र्व्यवहार के मामले में सुनवाई करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओमप्रकाश की अदालत ने नवनिर्वाचित राजद सांसद प्रभुनाथ सिंह की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

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