भाजपा के प्रतिद्वंद्वियों का कहना है कि गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं इसीलिए वह दो सीटों से लड़ रहे हैं जबकि भाजपा का कहना है कि उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी से उनके चुनावी समर में उतरने से पूर्वांचल और बिहार पर अच्छा असर पड़ेगा जिससे पार्टी की सीटें बढ़ सकती हैं।
इससे पहले इंदिरा गांधी को छोड़कर पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर लाल बहादुर शास्त्री, मोरारजी देसाई, राजीव गांधी, आईके गुजराल, वीपी सिंह, चंद्रशेखर और चौधरी चरण सिंह जैसे प्रधानमंत्री पद के सभी घोषित प्रत्याशियों ने एक ही सीट से चुनाव लड़ा था।
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के अन्य उम्मीदवार अटल बिहारी वाजपेयी ने भी सिर्फ लखनऊ सीट से ही चुनावी समर में उतरे थे। हालांकि पहले के चुनावों में वह दो सीटों से चुनाव मैदान में उतरे थे लेकिन तब वह प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं थे।
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