बनारस में मोदी के 56 फीसदी वोट पक्के

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वाराणसी। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी अपने राजनीतिक विरोधियों की तुलना में कहीं बहुत आगे हैं। एक नए सर्वेक्षण से यह निष्कर्ष सामने आया है कि मोदी को वाराणसी में कम से कम 56 फीसदी वोट मिलना तय है।

डेली मेल ऑनलाइन में प्रकाशित एक समाचार के मुताबिक यह सर्वेक्षण इंडिया टूडे ग्रुप और सिसरो ने किया है। इस सर्वेक्षण में बताया गया है कि कांग्रेस के प्रत्याशी अजय राय को 15 फीसद, आप के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल 10 फीसदी, सपा के कैलाशनाथ चौरसिया 9 फीसदी और बसपा के विजय प्रकाश जायसवाल को 7 फीसदी मत मिलने की संभावना है। शेष वोट अन्य उम्मीदवारों के खाते में जा सकते हैं।

जब सर्वेक्षण में भाग लेने वाले प्रतिभागियों से पूछा किया कि क्या मोदी के वाराणसी से चुनाव लड़ने से उत्तरप्रदेश, बिहार और अन्य हिंदी भाषी राज्यों में भाजपा को लाभ मिलेगा तो 51 फीसद लोगों का उत्तर सकारात्मक था।

मोदी के बारे में सबसे बड़ी बात यह है कि उन्हें प्रत्येक समुदाय से दूसरे उम्मीदवारों की तुलना में 40 फीसद मतदाताओं का समर्थन ज्यादा मिलेगा। परंपरागत रूप से मायावती की बसपा को समर्थन देने वाले जाटव समुदाय और कांग्रेस को आमतौर पर समर्थन लेने वाले मुस्लिम ही इसके अपवाद हैं। लेकिन अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) के 78 फीसदी वोट मोदी के साथ जाने के संभावना है।

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इस पोल के अनुसार वाराणसी के 77 फीसद ब्राह्मण, 80 फीसद राजपूत और 81 फीसद वैश्य मोदी के समर्थक हैं। इसी तरह से 67 फीसद भूमिहारों, 76 फीसद अन्य ऊंची जातियां, 65 फीसद कुर्मी-कोइरीज और 53 फीसद अन्य दलितों के मत मोदी के समर्थन में हैं।

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जहां तक जाटवों का प्रश्न है तो इनके 44 फीसद वोट बसपा को जाएंगे, 33 फीसदी वोट भाजपा को मिलेंगे। 40 फीसदी मुस्लिमों के वोट कांग्रेस को मिलने की संभावना है, 21 फीसद आप को और 17 फीसदी भाजपा की झोली में जा सकते हैं।

जहां तक वाराणसी की शहरी और ग्रामीण आबादी का प्रश्न है तो इनमें भाजपा के मतों में अधिक अंतर नहीं है। भाजपा को उम्मीद है कि उसे 49 फीसद ग्रामीण वोट शेयर का हिस्सा मिलेगा जबकि शहरी वोट शेयर का 61 फीसद भाग भाजपा की झोली में गिरने की संभावना है।

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जब सर्वेक्षण के प्रतिभागियों से पूछा गया कि वे किसे भारत के अगले प्रधानमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं तो इनमें से 57 फीसदी का जवाब था मोदी। केवल 12 फीसद राहुल गांधी को, 10 फीसदी अरविंद केजरीवाल को, 9 फीसदी सपा प्रमुख मुलायमसिंह यादव और केवल 7 फीसदी मायावती के समर्थन में थे।

प्रतिभागियों से जब यह सवाल पूछा गया कि मोदी, राय और केजरीवाल में से कौन वाराणसी के लोगों और इसके मुद्‍दों को बेहतहर तौर पर समझता है तो 52 फीसद का जवाव मोदी के समर्थन में था।
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