क्या नरेन्द्र मोदी को रैली की अनुमति नहीं देना उचित है?

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वाकई यह बड़ा सवाल है- क्या बनारस के जिला कलेक्टर और निर्वाचन अधिकारी प्रांजल यादव ने नरेन्द्र मोदी की बेनियाबाग रैली को अनुमति न देकर सही किया है? हालांकि इस फैसले के समर्थन में और विरोध में अपने-अपने तर्क दिए जा सकते हैं और दिए भी जा रहे हैं। दूसरी ओर यह भी नहीं भूलना चाहिए कि इसी बेनियाबाग में आप नेता केजरीवाल को रैली की अनुमति दी गई थी।
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सवाल यह भी है कि जिस अव्यवस्था और अशांति फैलने की आशंका के चलते रैली की अनुमति नहीं दी गई, वह तो भाजपा के धरना-प्रदर्शन के कारण भी उत्पन्न हो गई है, बल्कि उससे भी ज्यादा स्थिति खराब हो गई। धरना के चलते यातायात तो बाधित हुआ ही है, बीएचयू के सामने चल रहे इस ड्रामे की वजह से वहां के छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

इस मामले में बनारस प्रशासन और भारतीय जनता पार्टी के अपने-अपने तर्क हो सकते हैं, लेकिन इस सबको लेकर आप क्या सोचते हैं? क्या वाकई प्रशासन ने मोदी की रैली को अनुमति न देकर सही फैसला लिया है या फिर भाजपा द्वारा डीएम पर लगाया जा रहा पक्षपात का आरोप सही है?

राजेश कुमार ने इस पर अपने विचार रखते हुए कहा कि आखिर नरेन्द्र मोदी बनारस लोकसभा सीट से एक बड़े दल के उम्मीदवार हैं। ऐसे में उन्हें रैली करने की अनुमति क्यों नहीं दी जानी चाहिए? ऐसे में यदि भाजपा भेदभाव का आरोप लगाती है तो क्या गलत है।

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