दरअसल, नेटवर्क 18 के गूगल हैंगआउट कार्यक्रम में शिवराज लोगों के जवाब दे रहे थे। इस दौरान एक बार फिर मोदी से उनकी दूरियां दिखाई दीं। इससे पहले नर्मदा-क्षिप्रा लिंक परियोजना के शुभारंभ अवसर पर भी विज्ञापनों से मोदी का चेहरा गायब था, जबकि स्वामी रामदेव तक उनमें मौजूद थे। हालांकि मोदी के विरुद्ध शिवराज कभी भी खुलकर नहीं बोलते, लेकिन नहीं बोलकर भी कई बार बहुत कुछ बोल जाते हैं।
जब एक व्यक्ति ने यह सवाल दाग दिया कि आपके पीछे अटल, आडवाणी की तस्वीरें हैं तो फिर मोदी क्यों नहीं? इस सवाल पर शिवराज असहज हो गए और उत्तर को उन्होंने पूरी तरह घुमा दिया। उन्होंने कहा कि शीर्ष नेताओं का सम्मान हमारे दिल में हैं। हम सबका सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि मोदीजी के नेतृत्व में हम चुनाव लड़ रहे हैं।
उल्लेखनीय है शिवराज को लालकृष्ण आडवाणी के काफी करीब माना जाता है और पिछले दिनों आडवाणी को भोपाल से चुनाव लड़ने की पेशकश की गई थी। इसके पीछे कहीं न कहीं मोदी का विरोध ही माना जा रहा था।