गुजरात दंगों को लेकर राहुल ने मोदी पर निशाना साधा

Webdunia
रविवार, 16 मार्च 2014 (20:44 IST)
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नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी पार्टी का हौसला बढ़ाने का प्रयास करते हुए जोर दिया कि आगामी लोकसभा चुनाव के बाद देश में संप्रग-3 की ही सरकार बनेगी। इसके साथ ही उन्होंने गुजरात दंगों के दौरान शासन की ‘अक्षम्य विलफता’ को लेकर नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और इसके लिए ‘कानूनी जवाबदेही’ की बात उठाई।

चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में कांग्रेस की करारी हार के अनुमानों को खारिज करते हुए पार्टी के मुख्य प्रचारक ने स्वीकार किया कि ‘कुछ हद तक हमारे के खिलाफ सत्ता विरोधी माहौल है’, हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इस बार 2009 के चुनाव से बेहतर करेगी जब कांग्रेस ने 206 सीटें जीतीं थी तथा उस वक्त भी इसी तरह के अनुमान लगाए गए थे।

आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिलने वाली सीटों की संख्या के अनुमान से इंकार करते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रचारक ने कहा कि वह ‘भविष्यवक्ता’ नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस एक चुनौतीपूर्ण चुनाव लड़ रही है और हम इस चुनाव को जीतेंगे।’ राहुल ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वित्त मंत्री पी चिदंबरम के उस विचार से अलग राय रखी कि कांग्रेस को कमतर आंका जा रहा है और वह बहुत मुश्किल लक्ष्य का सामना कर रही है।

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘नहीं यह कमतर नहीं है... यह बहुत मुश्किल लक्ष्य का सामना नहीं कर रही है।’ राहुल ने पीटीआई के प्रधान संपादक एम के राजदान के साथ अपने आवास पर दिए एक घंटे के साक्षात्कार में चुनावी संभावनाओं, अपने प्रतिद्वंद्वी एवं भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी, 2002 के गुजरात दंगे एवं 1984 के सिख विरोधी दंगे, भ्रष्टाचार पर भाजपा के रिकार्ड और अपने निजी जिंदगी के कुछ पहलुओं के बारे में बात की।

गोधरा दंगों को लेकर मोदी के खिलाफ अपने अबतक के सबसे तीखे हमले में राहुल ने गुजरात के मुख्यमंत्री को क्लीन चिट देने के दावों को खारिज करते हुए कहा कि ऐसा कहना राजनीतिक रूप से सुविधाजनक लेकिन बहुत जल्दबाजी भरा है। उन्होंने कहा कि अभी उच्च अदालतों में इसे कसौटी पर कसा जाना बाकी है।

मोदी को नैतिक आधार पर जवाबदेह बताते हुए उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा उनके तहत शासन की स्पष्ट और अक्षम्य विफलता की एक वैधानिक जवाबदेही भी बनती है।’ राहुल भाजपा की इस दलील के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त एसआईटी और अदालतों ने मोदी को क्लीन चिट दी है और इसलिए उन्हें गोधरा दंगों के बारे में माफी मांगना या कोई जवाब नहीं देना है।

उन्होंने जवाब दिया, ‘जैसा आप जानते हैं, एसआईटी रिपोर्ट पर कई विश्वसनीय विशेषज्ञों ने गंभीर सवाल किए हैं। एसआईटी के कामकाज में गंभीर त्रुटियों की ओर इशारा किया गया है। निचली अदालत ने जिस त्रुटिपूर्ण एसआईटी रिपोर्ट को स्वीकार किया है, उसकी न्यायिक जांच उच्चतर अदालतों में की जानी बाकी है।’

राहुल ने कहा, ‘2002 के दंगों में मोदी की जिम्मेदारी का इशारा करने वाले साक्ष्य और विशिष्ट आरोप की अभी भी पर्याप्त रूप से जांच की जानी है। उन्हें क्लीनचिट दिए जाने की कोई बात राजनीतिक रूप से सुविधाजनक हो सकती है, लेकिन यह काफी जल्दबाजी भरी धारणा है। कई अनुत्तरित सवाल हैं। देश को काफी कुछ जानने की आवश्यकता है।' (भाषा)

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