पतंग उड़ाने के 10 सेफ्टी रुल्स और कुछ रोचक बातें

नम्रता जायसवाल
मकर संक्रांति भारत में त्योहार के रूप में मनाई जाती है। इस दिन स्वादिष्ट खान-पान के साथ पतंग उड़ने का भी चलन है। पतंगबाजी के दौरान कई बार जाने-अनजाने में कई हादसे भी हो जाते हैं।
 
तो आइए जानते हैं, पतंगबाजी के कुछ सेफ्टी रुल्स...  
 
1. जिस छत पर ऊंची बाउंड्रीवॉल हो, वहां ही पतंग उड़ाएं या आप खुले मैदान में पतंगबाजी करें। 
 
2. ग्‍लास कोटेड या धातु के तार वाला मांझा बेहद शार्प होता है। आप ग्‍लास कोटेड की बजाए साधारण कॉटन के धागों वाले मांझे का इस्‍तेमाल करें। 
 
3. अगर आपकी पतंग बड़ी है, तो हैंड ग्‍लव्स जरूर पहनें और सुरक्षित रहिए। 
 
4. पतंगों का मांझा न केवल आपके हाथों को नुकसान पहुंचा देता है, बल्कि इससे हाथ कटने और रास्ते पर जा रहे लोगों की जान तक जाने की घटनाएं हुई हैं।
 
5. कई बार मांझा रास्ते से जा रहे वाहन में फंस जाने से भी वाहन चालक चोटिल हो चुके हैं। 
 
6. किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए आप हेलमेट पहनकर ही टू व्‍हीलर पर चलिए। हेलमेट के शीशे को भी पूरा बंद करके अपनी आंखों को कवर रखें। 
 
7. पतंग कभी भी पॉवर लाइन या बड़े बिजली के खंभों के पास न उड़ाएं, क्‍यों‍कि अगर मांझा कभी कहीं नीचे गिरकर गीला हो गया हो और यदि ये पॉवर लाइन के संपर्क में आ जाए, तो जानलेवा हो सकता है।
 
8. मकर संक्रांति पर हजारों पक्षी तेज मांझों से कटकर घायल हो जाते हैं। पतंगों से बेजुबान परिंदों की जान न जाए, इसका आप ध्यान रखें। 
 
9. पतंगबाजी के बाद बचे हुए मांझे को इधर-उधर न फेंकें, नहीं तो यह अन्‍य लोगों के हाथ-पैरों या वाहन में उलझकर मुसीबत को निमंत्रण दे सकता है।
 
10. बच्चों के लिए बेहतर होगा कि वे माता-पिता या किसी बड़े की निगरानी में ही पतंगबाजी करें। 
 
अब जानते हैं मकर संक्रांति से जुड़ीं कुछ इंट्रेस्टिंग बातें... 
 
मकर संक्रांति पर्व, सूर्य पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करता है इसलिए इस दिन को 'मकर संक्रांति' कहते हैं। 
 
इस दिन सूर्य उत्तर दिशा की ओर बढ़ने लगता है जिससे दिन की लंबाई बढ़नी और रात की लंबाई छोटी होनी शुरू हो जाती है। भारत में इस दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है।
 
क्या आप जानते हैं कि इस दिन तिल और गुड़ खाने का खास महत्व क्यों है? 
सर्दी के मौसम में टैम्परेचर बहुत कम होता है और शरीर में रोग और बीमारी जल्दी लगते हैं। गुड़ और तिल में गर्मी पैदा करने वाले तत्व होते हैं जिसे खाने से शरीर में गर्मी पैदा होती है और ये शरीर को लाभदायक पोषक भी देते हैं। 
 
क्या आप जानते हैं कि इस दिन पतंग क्यों उड़ाते हैं?
 
यह समय सर्दी का होता है और इस मौसम में सुबह का सूर्य प्रकाश शरीर के लिए स्वास्थ्यवर्धक होता है तथा ये त्वचा व हड्डियों के लिए अत्यंत लाभदायक होता है। इसीलिए इस दिन पतंग उड़ाई जाती है जिससे कि सूर्य किरणों का लाभ शरीर को मिले।
 
और यह भी माना जाता है कि इस दिन सूर्य अपने पुत्र शनिदेव से नाराजगी त्यागकर उनके घर गए थे इसलिए इस दिन को सुख और समृद्धि का दिन भी माना जाता है। 
 
क्या आप जानते हैं कि मकर संक्रांति के और क्या-क्या नाम हैं?
 
दक्षिण भारत में इस त्योहार को पोंगल के रूप में मनाया जाता है। उत्तर भारत में इसे लोहड़ी कहा जाता है। मध्यभारत में इसे संक्रांति कहा जाता है। मकर संक्रांति को उत्तरायण, माघी, खिचड़ी आदि नाम से भी जाना जाता है।

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