प्रतिवर्ष 19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस मनाया जाता है। गोवा घूमने के लिए आज जितना प्रसिद्ध है उससे कहीं ज्यादा उसका इतिहास रोमांचित कर देना वाला है। गोवा युवाओं का मुख्य स्पॉट है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि युवावस्था में सभी युवाओं की एक बार गोवा जाने की ख्वाहिश होती है।
गोवा नाईट लाइफ, बीच, खान-पान और एडवेंचर स्पोर्ट के लिए प्रसिद्ध है। वैसे गोवा के इतिहास से बहुत कम लोग वाकिफ है, तो आइए जानते हैं गोवा मुक्ति दिवस पर गोवा के बारे में खास बातें-
- भारत को आजादी मिलने के 14 साल बाद गोवा को पुर्तगाली शासन से आजादी मिली थी। जिसके लिए भारतीय सशस्त्र बलों ने संयुक्त कार्रवाई की थी।
- भारतीय सेनाओं ने 19 दिसंबर, 1961 को ऑपरेशन विजय के तहत पुर्तगालियों को गोवा से जाने पर मजबूर किया गया था। इसके बाद से इस ऐतिहासिक दिन को सम्मान से गोवा मुक्ति दिवस के रूप में मनाते हैं।
- गोवा पर लंबे वक्त तक पुर्तगालियों का शासन रहा। आजादी के 14 साल बाद 1962 में गोवा भारत का हिस्सा बना। गोवा की राजधानी पणजी है।
- मार्च 1510 में अलफांसो-द-अल्बुकर्क के नेतृत्व में गोवा पर पुर्तगालियों ने सबसे पहले हमला किया था। हालांकि गोवा को मुक्त कराने के लिए यूसुफ आदिल खां ने उन पर हमला किया। जिसके बाद पुर्तगाली घबरा कर भाग गए।
- 18 दिसंबर, 1961 को 36 घंटे तक सैन्य अभियान ऑपरेशन विजय चला। जिसमें भारतीय वायु सेना, नौसेना और भारतीय सेना के हमले शामिल थे।
- पुर्तगालियों से भारत को आजाद कराने के बाद अल्बुकर्क ने इस पर फिर से कब्जा जमा लिया। और 1809-1815 के बीच नेपोलियन ने पुर्तगालियों पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद 1947 तक गोवा अंग्रेजों के कब्जे में रहा। और फिर 1961 में भारत का हिस्सा बना।
- हालांकि गोवा अपना स्थापना दिवस 30 मई, 1987 को मनाता है।
- पुर्तगालियों ने भारत पर 450 सालों तक राज किया।
- गोवा में चुनाव के बाद 20 दिसंबर , 1962 को श्री दयानंद भंडारकर गोवा के पहले निर्वाचित सीएम बनें।
- एक तरफ गोवा को आजादी और मुख्यमंत्री दोनों मिल गए। लेकिन गोवा को महाराष्ट्र में विलय की बात की गई। क्योंकि गोवा महाराष्ट्र के पडोस में था। हालांकि 1967 में जनमत संग्रह के बाद केंद्र शासित प्रदेष के रूप में रहना पसंद किया। और इस प्रकार गोवा देश का 25वां राज्य बना गया।