वन अग्नि सुरक्षा दिवस सप्ताह (Forest Fire Safety Day) 1 फरवरी से 7 फरवरी तक मनाया जाएंगा। असल में यह दिवस मनाने की जरूरत भी है। क्योंकि दुनिया में जिस तरह से आग का तांडव बढ़ता जा रहा है आने वाली जनरेशन के लिए कुछ ना बचें। दुनियाभर में कांक्रिट की इमारतें खड़ी हो रही है जिसके लिए लगातार वनों की तेजी से कटाई की जा रही है। गहन रूप से देखा जाए तो पूरा मौसम चक्र प्रभावित हो रहा है। ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय विज्ञान एजेंसी सीएसआईआरओ ने खुलासा किया कि पिछले 30 सालों में जलवायु परिवर्तन की वजह से जंगलों में आग लगने की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है।
ताजे आंकड़ों के मुताबिक वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ के मुताबिक, 2030 तक अमेजन के करीब 27 फीसदी जंगल खत्म हो जाएंगे। जंगल खत्म हो रहे हैं तो कीट -पतंगों और जानवरों की हजारों तादाद में प्रजातियां खत्म हो रही है। कार्बन डाई ऑक्साइड का लेवल बढ़ रहा है, ग्लेशियर पिघल रहा है। जंगलों में आग लगने से वायु प्रदूषण का स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। CSIRO ने पिछले 30 सालों के विश्लेषण में पाया कि 3,24,000 वर्ग किलोमीटर जंगलों में आग लग चुकी है। विश्लेषण में पाया गया कि 2002-2019 के बीच और 1988-2001 की तुलना में हर साल जलने वाले जंगलों का क्षेत्र औसत 800 फीसदी से ज्यादा था।
भारत में साल 2021 में जनवरी से अप्रैल के बीच 100 दिन तक जंगलों में आग लगी। जिसमें 15,170 मामले सामने आए। यह आंकड़ा साल 2020 से भी अधिक था। इनमें से झारखंड, बिहार, असम, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश शीर्ष पर हैं। तेजी से बढ़ रही आबादी के कारण भी तेजी से जंगल की कटाई की जा रही है। इतना ही नहीं नदियों और झीलों को खत्म कर आशियाना तैयार किया जा रहा है।
आने वाले कुछ सालों में मौसम चक्र पर बेहद उल्टा प्रभाव पड़ने वाला है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण कनाडा में 2021 में गर्मी का खतरा 150 गुना तक बढ़ गया।
जब जंगलों में आग लगती है तो सवाल पूछा जाता है ये आग कब बुझेगी? जिसका जवाब सभी जानते हैं लेकिन उत्तर कोई नहीं देना चाहता...