हर साल 1 जून को ग्लोबल डे ऑफ पेरेंट्स मनाया जाता है। इस वैश्विक दिवस की शुरुआत का एलान संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2012 में किया गया था। इस दिन को मनाने का उद्देश्य है दुनियाभर के माता -पिता को सम्मान देना है। कई बार कुछ दिन ऐसे होते हैं जिन्हें मानने से रिश्ते और गहरे हो जाते हैं। इस दिन को मनाने का भी यही उद्देश्य है माता -पिता और बच्चों के बीच प्रेम का नाता और भी गहरा हो। इस दिन को विशेष मनाने के लिए बच्चे उन्हें अपनत्व का एहसास जरूर कराएं, आप उनके साथ हर वक्त, हर कठिनाई में खड़े हैं, जिन्होंने आपको यह सुंदर जीवन दिया उन्हें जरूर धन्यवाद दें।
कैसे हुई थी ग्लोबल डे ऑफ पेरेंट्स की शुरुआत
यूएन जनरल असेंबली द्वारा 2012 में इसकी घोषणा की गई थी। समूचे विश्व में इस दिवस को मनाया जाता है। इस खास दिन के अवसर पर आप अपने माता पिता के प्रति सम्मान जताने और उनके द्वारा आपके लिए किए गए कार्यों के प्रति शुक्रगुजार का भाव व्यक्त करें। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक मुद्दों को प्राथमिकता से उठाया है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने परिवार से जुड़ें मुद्दों पर फोकस करना शुरू कर दिया था 17 जून 2012 को यूएन द्वारा ग्लोबल डे ऑफ पेरेंट्स घोषित करने को लेकर प्रस्ताव पास कर दिया था। प्रस्ताव पास कर कहा गया कि, महासभा सिविल सोसायटी, विशेष रूप से बच्चों और युवाओं के साथ मिलकर ग्लोबल डे ऑफ पैरेंट्स मनाने का सदस्य देशों को निमंत्रण देती है।
पेरेंट्स डे थीम 2021
संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल एक थीम निर्धारित की जाती है। इस साल संयुक्त राष्ट्र द्वारा थीम है दुनियाभर में माता-पिता की सरहाना। इस थीम को कोविड-19 के दौर को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। साल 2021 की थीम माता-पिता के बलिदान को पूर्ण रूप से न्याय करती है। कोरोना काल में अपने बच्चों की देखभाल करना, उनका पूरा ध्यान रखना, तबीयत खराब होने पर बच्चों के लिए चिंतित होना, बच्चों के प्रति यह अपार प्रेम ही है। शायद माता - पिता ही निस्वार्थ भाव से अपने बच्चों का इतना ख्याल रख सकते हैं।
वरिष्ठजन क्या सोचते हैं अपने माता-पिता के बारे में
- प्यार वो जंजीर है जिससे एक बच्चा अपने माता-पिता से बंधता है - अब्राहम लिंकन
- हम कभी नहीं एक मां के प्यार को समझ पाएंगे जब तक कि हम खुद माता-पिता न बन जाए - हेनरी वार्ड बीचर
- माता-पिता बच्चों के लिए अंतिम रोल मॉडल्स हैं. हर शब्द, हरकत और काम का प्रभाव होता है. कोई अन्य शख्स या बाहरी ताकत का मां से ज्यादा बच्चे पर असर नहीं होता - बॉब किशन
-बच्चे के लिए मां के जैसा कोई दोस्ती, कोई प्यार नहीं है - हेनरी वार्ड बीचर