आज पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जा रहा है। दरअसल इस दिवस को मनाने की शुरूआत करना पड़ी। क्योंकि साल 2010 में बाघ की प्रजाति एकदम से विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गई थी। वहीं बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है। इसके बाद भी देश में बाघ की संख्या एक दम कम होने लग गई थी । हालांकि स्थिति पटरी पर लौट आई है। वहीं बाघों के संरक्षण को लेकर जागरूकता पैदा करना इस दिन को मनाने का मकसद है। इस दिन को मनाने की शुरूआत साल 2010 में सेंट पीटर्सबर्ग से एक शिखर सम्मेलन के दौरान घोषणा की गई थी। एकजुट होकर साल 2022 तक कई देशों ने बाघों की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य रखा। आइए जानते हैं बाघ के बारे में रोचक जानकारियां -
- बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है। सन 1973, अप्रैल में बंगाल टाइगर को राष्ट्रीय पशु बनाने की घोषणा की गई थी। बाघ मलेशिया, दक्षिण कोरिया और बांग्लादेश का भी राष्ट्रीय पशु है।
- बाघ की दहाड़ करीब 3 किलोमीटर तक सुनाई देती है।
-इंसानों की उंगलियों के निशान अलग-अलग होते हैं वैसे ही बाघ की उपर बनी धारियां भी अलग-अलग होती है।
- एक वक्त में बाघ की करीब 8 प्रजातियां हुआ करती थी खैर अब 5 ही बची है। इसमें मुख्य रूप से बंगाल टाइगर, साइबेरियन, इंडो चाइना टाइगर, मलायन टाइगर और सुमात्रन टाइगर की प्रजातियां शेष है। वहीं विलुप्त प्रजातियों में बाली टाइगर, जावन टाइगर और कैस्पियन टाइगर है।
- राष्ट्रीय बाघ आकलन रिपोर्ट 2018 के मुताबिक मध्य प्रदेश में 526 बाघ है। और इसी के साथ मप्र को टाइगर स्टेट का दर्जा मिला। 2019 से पहले 2006 और 2010 में मप्र को टाइगर स्टेट का दर्जा मिला था। उस वक्त 300 और 257 ही बाघों की संख्या थी।
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के मुताबिक मप्र में साल 2020 में अब तक करीब 26 बाघों की मौत हो चुकी है। सबसे अधिक बांधवगढ़ में हुई है,10 बाघों की मौत।
- अखिल भारतीय बाघ रिपोर्ट 2018 के मुताबिक साल 2019 में बाघों की संख्या 2977 हो गई है।
- वर्तमान में देश में कुल 52 टाइगर रिजर्व हैं। इसमें भारत का पहला रिजर्व जिम कार्बेट है।
- दुनिया में सबसे अधिक बाघ भारत में पाए जाते हैं। वर्तमान में भारत में कुल 18 राज्यों में बाघ पाए जाते हैं
- जानकारी के मुताबिक इस वक्त उत्तराखंड, केरल, मप्र और बिहार में बाघों की संख्या बढ़ रही है।