पिट बुल डॉग कैसा होता है, जानिए खासियत, क्यों है प्रतिबंधित, लखनऊ मामले के बाद चर्चा में है Pit Bull

Webdunia
गुरुवार, 14 जुलाई 2022 (14:30 IST)
लखनऊ के बंगाली टोला नाक के क्षेत्र में एक ऐसा वाकिया हुआ है कि जो भी उसके बारे में जानता है दशहत में आ जाता है। हुआ कुछ यूं है कि एक 80 वर्षीय महिला अपने पालतू पिटबुल और लेब्रेडोर को घूमने निकली थी। अचानक पिटबुल बेकाबू हो गया और महिला को काटने लगा। इस दौरान महिला का मांस भी निकल गया जो वह पालतू पिटबुल डॉग खाता रहा था। इस घटना के बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि वृद्धा की चीख सुनकर लोग बाहर आए और पत्थर मारकर उस डॉग को हटाने का भी प्रयास किया, पर वह नहीं हटा और करीब एक घंटे तक उस खून से लथपथ महिला को खाता रहा।
 
पिटबुल कुत्तों की एक खतरनाक प्रजाति होती है। इसे पालने के लिए परमिशन लेना पड़ती है। इसका पालन पर प्रतिबन्ध लगा हुआ है। आइए जानते हैं पिटबुल के बारे में विशेष जानकारी
 
कैसा होता है PITBULL , जानिए इसकी खासियत
पिटबुल एक क्रॉस ब्रीड प्रजाति है। जो लोग जानवरों को पालने में रुचि रखते हैं उनके बीच इस डॉग को एक 'गार्ड डॉग' के रूप में  जाना जाता है। ऐसा माना जाता खाई कि इस डॉग को 18 वि सदी में बुल एंड बेयर फाइट के लिए तैयार किया गया था। यह एक गुस्सैल और आक्रामक ब्रीड मानी जाती है। यह बीहड़ चौकन्ना, सतर्क और फुर्तीला होता है। इसे एक शिकारी कुत्ता भी कह सकते हैं। यह अपने क्षेत्र में किसी दूसरे व्यक्ति को देखते ही आक्रामक और हमलावर हो जाते हैं। इसको शांत रखने के लिए एक बहुत अच्छी ट्रेनिंग की आवश्यकता होती है जिससे यह अपने मालिक और गैर इंसान में फर्क समझ सके। इन्हें भागना, खेलना और कूदना बहुत प्रिय है।
 
प्रतिबंधित है यह खूंखार जीव
पिटबुल को लगभग 24 देशों में प्रतिबंधित किया हुआ है। यह इतना खूंखार जीव माना जाता है कि जब यह किसी पर हमला करता है तो इसे रोकना या भगाना बेहद कठिन हो जाता है। यह गुस्सैल जीव जब किसी को अपने दांतों की पकड़ में फंसा लेता है तो यह उसे अपने मजबूत जबड़ों से लॉक कर लेता है,  फिर चाहे आप कितने भी प्रयास करें यह तभी छोड़ेगा जब इसकी मर्जी होगी। वैसे यह भारत में आसानी से मिल जाता है और कई लोग जो विशेषकर अकेले और संवेदनशील क्षेत्रों में रहते हैं इसका पालन करते हैं।
 
प्रथम विश्व युद्ध में भी अमेरिका की ओर से एक पिटबुल लड़ाई में शामिल हुआ था और अपने अप्रतिम योगदान के लिए उसे मैडल भी मिला था।  उस पिटबुल का नाम था 'सार्जेंट स्टबी'

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