हिन्दी के ये शब्द हैं विदेशी भाषा की देन

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हिन्दी हमारी मातृभाषा है और इसे बोलना हम सभी को प्रिय है। हिन्दी को बोलने वाले लोगों की संख्या 42 करोड़ से भी अधिक है, परंतु क्या आप इस बात से वाकिफ हैं कि हिन्दी के कई ऐसे शब्द हैं जो विदेशी भाषाओं की देन हैं। इन शब्दों को आप भी हिन्दीजनित मानकर इस्तेमाल करते हैं परंतु असलियत में इन्हें विदेशी भाषाओं से लिया गया है। 


 
 
इन शब्दों को 'लोनवर्ड्स' (उधार लिए हुए शब्द) कहा जाता है। आइए जानते हैं ऐसे खास शब्द और उनकी भाषा स्त्रोत जो आपको आश्चर्य में डाल देंगे।
 
हम कितनी बार दिन में तारीख शब्द का इस्तेमाल करते हैं। यह अरेबिक भाषा से लिया गया शब्द है। इसके अलावा मायने जिसका अर्थ मतलब जानना होता है भी अरेबिक भाषा की देन है। अखबार (समाचार पत्र), अदब (सम्मान), काफी (पर्याप्त) ऐसे शब्द हैं जो हिन्दी ने अरेबिक भाषा से उधार लिए हैं। 
 
हमारे देश में पेय के रूप में चाय की क्या महत्ता है इसका अंदाजा आपको भी है। हर दिन चाय बिना कई लोग परेशान हो जाते हैं। क्या आपको पता है चाय शब्द हिन्दी का नहीं है। यह चीनी भाषा की देन है। लीची, कारतूस, साबुन ऐसे शब्द हैं जो चीनी भाषा के शब्द हैं परंतु अब हिन्दी में पूरी तरह अपना लिए गए हैं। 
 
सब्जी, फल या अन्य खाने की चीज़ आप ताज़ा ही चाहते हैं, परंतु क्या आपको पता है कि ताज़ा शब्द पर्सियन भाषा का है। 
 
आप नहाने के बाद तौलिए को खोजते हैं इस बात से अंजान कि आपको सुखा रखने वाला यह कपडा अपना नाम पुर्तगाली भाषा से पाया है। इसके अलावा तंबाकू और आया (कामवाली बाई) भी ऐसे शब्द हैं जो पुर्तगाली भाषा का नतीजा हैं। 
 
हवा का जीवन और जिंदा रहने में क्या महत्व है इसका अंदाजा आपको भी है। यह हवा शब्द हिन्दी को तुर्की भाषा से मिला है। इसके अलावा तोप, हफ्ता, कातिल, दुकान और तो और बादाम भी हिन्दी के अपने शब्द नहीं बल्कि तुर्की भाषा से मिले हुए शब्द हैं। 
 
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