विश्व जनसंख्या दिवस 2021: हर साल 11 जुलाई कोविश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। किसी भी देश की जनसंख्या के आकार का प्रभाव देश के विकास की गति पर अवश्य पड़ता है। देश की जनसंख्या जितनी अधिक होती है विकास पर उतना अधिक असर पड़ता है। हालांकि सबसे अधिक असर विकासशील देशों पर पड़ता है। इस खास दिन पर समूचे विष्व में अलग - अलग प्रकार की क्रियाकलाप किए जाते हैं ताकि अधिक से अधिक लोगों को जागरूक कर सकें। हालांकि जहां अब जनसंख्या सीमित से अधिक होने लगे उन देशों की समस्या भी तेजी से बढ़ने लगी है। यह एक चिंता का विषय बन रहा है। जिस पर सभी को चिंता करने की जरूरत है।
जनसंख्या वृृद्धि को लेकर हमें कोविड-19 वायरस महामारी से सबक ले लेना चाहिए।जी हां, चीन के बाद भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देष है। लेकिन कोरोना काल में जनसंख्या अधिक होने से समस्या को संभालने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इससे सबक लेते हुए देश के साथ विश्व में भी जनसंख्या वृद्धि को लेकर अधिक से अधिक जागरूक करने की जरूरत है।
विश्व जनसंख्या दिवस 2021 थीम
विश्व जनसंख्या दिवस पर हर साल अलग -अलग थीम रखी जाती है। इस साल विश्व जनसंख्या दिवस 2021 की थीम है अधिकार और विकल्प उत्तर हैं, चाहे बेबी बूम हो या बस्ट, प्रजनन दर में बदलाव का समाधान सभी लोगों के प्रजनन स्वास्थ्य और अधिकारों को प्राथमिकता देना है।
विश्व जनसंख्या दिवस इतिहास
विश्व जनसंख्या दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की एक परिषद ने विश्व जनसंख्या दिवस की ष्षुरूआत की थी।11 जुलाई 1987 को हर साल जनसंख्या दिवस मनाया जाता है।
भारत की जनंसख्या वृद्धि के आंकड़ें
दो अलग - अलग एजेंसियों के मुताबिक भारत में जनसंख्या के आंकड़ें भी अलग -अलग है। वल्र्डोमीटर के मुताबिक 2021 में भारत की जनसंख्या करीब 139 करोड़ हो चुकी है। वहीं संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या के रिपोर्ट के मुताबिक भारत की कुल आबादी 121 करोड़ है। भारत ये 5 राज्य जहां जनसंख्या सबसे अधिक है। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश ।