साँप में विष कहाँ से आता है?

Webdunia
WDWD
साँप दो तरह के होते हैं। जहरीले और बिना जहर वाले। सभी जहरीले साँपों के सिर वाले भाग में विष बनाने वाली संरचना होती है। इस संरचना में एक जोड़ी विष ग्रंथियाँ, इनकी नलियाँ, विषदन्त और पेशियाँ होती हैं।

विष ग्रंथियों से विष सर्प के जबड़े में आता है। ये विष ग्रंथियाँ साँप के ऊपरी जबड़े में आँख के निचले हिस्से में होती है। प्रजाति के अनुसार साँप में ग्रंथियों का आकार अलग-अलग होता है।

इन दोनों ग्रंथियों में पैदा होना वाला विष नलियों के जरिए विषदन्त तक पहुँचता है। ये विषदन्त नुकीले होते हैं और सर्प अपने शिकार के शरीर में इन्हें डालकर विष पहुँचाकर उसे मार देता है।

सर्प का विष साफ और चिपचिपा, पीले और हल्के हरे रंग का द्रव्य होता है। इसकी प्रकृति अम्लीय होती है। सर्प का विष भी दो तरह का होता है। न्यूरोटॉक्सिक और हीमोटॉक्सिक।

न्यूरोटॉक्सिक विष सर्प के शिकार के शरीर में जाने पर श्वसन क्रिया संचालित करने वाली पेशियों के कामकाज को बंद कर देता है और हीमोटॉक्सिक ऊतकों का विनाश कर देता है और हेमरेज की स्थिति बना देता है।

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

मेरा देश, मेरी शान, मेरा अभिमान... 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के लिए 20 बेहतरीन, दमदार और प्रेरणादायक पोस्टर स्लोगन

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर दिल को छू जाने वाली 15 सकारात्मक और प्रभावशाली देशभक्ति की शायरियां

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध: ऐसे लिखिए आजादी की गाथा जिसे पढ़कर हर दिल में जाग उठे देशभक्ति

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बच्चों को सिखाइए ये गीत, भजन और कविता, हर कोई करेगा तारीफ माहौल हो जाएगा कृष्णमय

स्वतंत्रता दिवस पर जोरदार भाषण, यह सुन हर कोई तालियों से करेगा आपका स्वागत

सभी देखें

नवीनतम

स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं: लहराएगा तिरंगा अब सारे आसमान पर, 15 अगस्त पर भेजें ये खास मैसेज

स्वतंत्रता दिवस: गौरव, बलिदान, हमारी जिम्मेदारी और स्वर्णिम भविष्य की ओर भारत

श्रीकृष्ण का प्रिय और जन्माष्टमी विशेष माखन-मिश्री का भोग कैसे बनाएं, नोट करें रेसिपी

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन यह 5 कार्य जरूर करना चाहिए

15 अगस्त पर आज़ादी का महत्व दर्शाती कविता: स्वतंत्रता का सूर्य