rashifal-2026

ग़ालिब का ख़त-34

Webdunia
Aziz AnsariWD
लो साहिब! और तमाशा सुनो। आप मुझको समझाते हैं कि तफ़्ता को आजुर्दा न करो। मैं तो उनके ख़त के न आने से डरा था कि कहीं मुझसे आजुर्दा न हों। बारे जब तुमको लिखा और तुमने ब-आईन-ए-मुनासिब उनको इत्तिला दी, तो उन्होंने मु्‍झको ख़त लिखा।

चुनांचे परसों मैंने उसे ख़त का जवाब भेज दिया। तुम्हारी इनायत से वह जो एक अंदेशा था, रफ़अ हो गया। ख़ातिर मेरी जमा हो गई। अब कौन-सा किस्सा बाक़ी रहा कि जिसके वास्ते आप उनकी सिफ़ारिश करते हैं। वल्लाह, तफ़्ता को मैं अपने फ़र्जन्द की जगह समझता हूँ। और मुझको नाज़ है कि ख़ुदा ने मुझको ऐसा क़ाबिल फ़र्जन्द अ़ता किया है। रहा दीबाचा, तुमको मेरी ख़बर ही नहीं।

मैं अपनी जान से मरता हूँ -

गया हो अपना जेवड़ा ही निकल
कहाँ की रुबाई, कहाँ की ग़ज़ल

यक़ीन है कि वह और आप मेरा उज्र क़बूल करें। और मुझको मुआ़फ़ रखें। ख़ुदा ने मुझ पर रोज़ा नमाज़ मुआ़फ़ कर दिया है। क्या तुम और तफ़्ता एक दीबाचा मुआ़फ़ न करोगे?...

2 जून 1825 ई. असदुल्ला

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

एक आकाशीय गोला, जो संस्कृत मंत्र सुनते ही जाग जाता है

इंटरमिटेंट फास्टिंग से क्यों बढ़ सकता है हार्ट डिजीज का रिस्क? जानिए क्या कहती है रिसर्च

Negative thinking: इन 10 नकारात्मक विचारों से होते हैं 10 भयंकर रोग

Benefits of sugar free diet: 15 दिनों तक चीनी न खाने से शरीर पर पड़ता है यह असर, जानिए चौंकाने वाले फायदे

Vastu for Toilet: वास्तु के अनुसार यदि नहीं है शौचालय तो राहु होगा सक्रिय

सभी देखें

नवीनतम

बाल गीत : आज मनाना क्रिसमस डे

World Meditation Day: ध्यान साधना क्या है, कैसे करें शुरू? जानें महत्व

Guru Ghasidas: सतनाम धर्म के प्रचारक गुरु घासीदास: जानें जीवन परिचय और मुख्य बिंदु

इदारा महफिल ए खुशरंग की ओर से डॉ. अभिज्ञात को हरिवंश राय 'बच्चन' अवार्ड, 12 विभूतियां सम्मानित

Christmas Recipes: क्रिसमस के खास 5 पकवान: स्वाद में चार चांद लगाने वाली रेसिपीज