फॉर्मुला वन कार्तिकेयन

फॉर्मुला वन कार्तिकेयन
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युवाओं के लिए कई करियर ऑप्शंस हैं। खेल में करियर बनाना युवाओं को खासा रास आता है। यही कारण है कि हिन्दुस्तान के कई युवा खेलों में करियर बनाने के लिए जी-जान से जुट जाते हैं, लेकिन कार रेसिंग कुछ चुनौतीभरा करियर है।

एक युवा ने पूरी हिम्मत से और गहरे जज्बे के साथ यही जोखिमभरा करियर चुना। यह युवा है कुमार रामनारायण कार्तिकेयन। तेज रफ्तार के इस जोखिम भरे करियर में उन्होंने हाल ही में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इंग्लैंड में उन्होंने ब्रैंड्स हैच सुपरलीग फॉर्मूला रेस जीत ली है।

चेन्नई में 14 जनवरी 1977 को जन्मे नारायण की रगों में खून के साथ रफ्तार भी बहती थी। उनके पिता जीआर नारायण इंडियन नेशनल रैली चैम्पियनशिप जीत चुके हैं। एक बार नहीं, दो बार नहीं, तीन बार नहीं, बल्कि वे यह चैम्पियनशिप सात बार जीत चुके हैं।

यही कारण है कि अपने पिता से प्रेरणा लेकर रामनारायण भी इस तेज रफ्तार के खेल में ऊँचाइयाँ हासिल करने के ख्वाब देखने लगे। उनका सबसे बड़ा सपना था कि वे फॉर्मूला वन रेसर बन जाएँ। यह सपना धीरे-धीरे पलने लगा और इस सपने को हकीकत में बदलने के लिए यह युवा भी जी-जान से जुट गया।

सिर्फ 16 साल की उम्र में रामनारायण ने फॉर्मूला मारुति में भाग लिया। चेन्नई से कुछ ही दूर श्रीपेरुम्बदूर में इस रेस में उन्होंने पहली बार भाग लिया, लेकिन उन्हें रफ्तार के इस खेल में ट्रेनिंग की जरूरत महसूस हुई। लिहाजा उन्होंने फ्रांस में एल्फ विनफील्ड ट्रेनिंग स्कूल में ट्रेनिंग ली। फिर 1992 में एल्फ कॉम्पीटिशन फॉर फॉर्मूला रिनॉल्ट कार्स में हिस्सा लिया और सेमीफाइनलिस्ट रहे।

जाहिर है यहीं से उनका साहस और बढ़ गया तथा आत्मविश्वास किसी समुद्र की लहरों की तरह ऊँचा उठने लगा। 1998 में ब्रिटेन में एक-दो चैम्पियनशिप में भाग लेने के बाद उन्होंने 1999 में एशिया इंटरनेशनल सीरिज में भाग लेकर दूसरा स्थान प्राप्त किया।

फिर फॉर्मूला एशिया में जीते और पहले एशियन और इंडियन रेसर बन गए, जिसने यह सीरिज जीती। इसके बाद तो मकाऊ ग्रां पिक्स, ब्रिटिश एफ-3 और चायनीज ग्राँ पिक्स, ए-1 ग्राँ पिक्स में अच्छा परफॉर्म किया। ब्रिटिश प्रेस की ओर से तो उन्हें दुनिया में फास्टेस्ट इंडियन 2001 रेसर का खिताब दिया गया था।

2005 में उनका सपना साकार हुआ, जब जॉर्डन फॉर्मूला वन टीम में शामिल कर लिए गए और उनका फॉर्मूला वन रेसर बनने का ख्वाब पूरा हो गया।

आज रामनारायण कार्तिकेयन रेसिंग कार खेल में करियर बनाने वाले तमाम यंग इंडियन के लिए स्पोर्ट्स आइकॉन बन चुके हैं। इनकी तमाम उम्मीदों और सपनों को पूरा करने के लिए उन्होंने हाल ही में एक मोटर रेसिंग एकेडमी स्पीड एनके रेसिंग शुरू की है। चेन्नई में यह एकेडमी भविष्य के रेसर तैयार कर रही है।

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