कुछ अनमोल दोहे नीरज के

Webdunia
गोपालदास 'नीरज'
कवियों की और चोर की गति है एक समान
दिल की चोरी कवि करे लूटे चोर मकान
जिनको जाना था यहां पढ़ने को स्कूल
जूतों पर पालिश करें वे भविष्य के फूल
 
करें मिलावट फिर न क्यों व्यापारी व्यापार
जब कि मिलावट से बने रोज यहां सरकार
 
रुके नहीं कोई यहां नामी हो कि अनाम
कोई जाए सुबह को कोई जाए शाम
 
राजनीति शतरंज है, विजय यहां वो पाय
जब राजा फंसता दिखे पैदल दे पिटवाय
 
तोड़ो, मसलो या कि तुम उस पर डालो धूल
बदले में लेकिन तुम्हें खुशबू ही दे फूल
 
पूजा के सम पूज्य है जो भी हो व्यवसाय
उसमें ऐसे रमो ज्यों जल में दूध समाय
 
हम कितना जीवित रहे, इसका नहीं महत्व
हम कैसे जीवित रहे, यही तत्व अमरत्व
 
जीने को हमको मिले यद्यपि दिन दो-चार
जिएं मगर हम इस तरह हर दिन बनें हजार
 
स्नेह, शान्ति, सुख, सदा ही करते वहां निवास
निष्ठा जिस घर मां बने, पिता बने विश्वास
 
किया जाए नेता यहां, अच्छा वही शुमार
सच कहकर जो झूठ को देता गले उतार
 
कागज की एक नाव पर मैं हूं आज सवार
और इसी से है मुझे करना सागर पार
 
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण में क्या अंतर है, समझिए

कितनी खतरनाक बीमारी है गिलियन बैरे सिंड्रोम, इलाज के लिए 1 इंजेक्शन की कीमत 20 हजार

बेटे को दें ऋग्वेद से प्रेरित ये नाम, अर्थ जानकर हर कोई करेगा तारीफ

खजूर से भी ज्यादा गुणकारी हैं इसके बीज, शुगर कंट्रोल से लेकर इम्यूनिटी बूस्ट करने तक हैं फायदे

जानिए ठंडी हवाओं और रूखे मौसम का बालों पर कैसा असर पड़ता है? सर्दियों में लंबे बालों की देखभाल क्यों है जरूरी?

सभी देखें

नवीनतम

युवाओं में ड्रग्स की लत पर केन्द्रित उपन्यास जायरा की लेखिका प्रोफेसर विनिता भटनागर से बातचीत

राणा संग्राम सिंह की पुण्यतिथि, जानें उनका जीवन और खास युद्ध के बारे में

Diet Tip : कोलेस्ट्रॉल घटाने के लिए इन 5 तरीकों से खाएं अदरक, दिल की सेहत के लिए है गुणकारी

आनंद महिंद्रा ने निभाया वादा, पेरिस पैरालंपिक विजेता शीतल देवी को तोहफे में दी स्कॉर्पियो-N

mahatma gandhi death: इस तरह मारी गई थी महात्मा गांधी को गोली, जानिए पूरा वाकिया