Dharma Sangrah

मगर निठुर न तुम रुके.....

Webdunia
ND
मगर निठुर न तुम रुके, मगर निठुर न तुम रुके!
पुकारता रहा हृदय, पुकारते रहे नयन,
पुकारती रही सुहाग दीप की किरन-किरन,
निशा-दिशा, मिलन-विरह विदग्ध टेरते रहे,
कराहती रही सलज्ज सेज की शिकन शिकन,
असंख्य श्वास बन समीर पथ बुहारते रहे,
मगर निठुर न तुम रुके!
पकड़ चरण लिपट गए अनेक अश्रु धूल से,
गुंथे सुवेश केश में अशेष स्वप्न फूल से,
अनाम कामना शरीर छांह बन चली गई,
गया हृदय सदय बंधा बिंधा चपल दुकूल से,
बिलख-बिलख जला शलभ समान रूप अधजला,
मगर निठुर न तुम रुके!
विफल हुई समस्त साधना अनादि अर्चना,
असत्य सृष्टि की कथा, असत्य स्वप्न कल्पना,
मिलन बना विरह, अकाल मृत्यु चेतना बनी,
अमृत हुआ गरल, भिखारिणी अलभ्य भावना,
सुहाग-शीश-फूल टूट धूल में गिरा मुरझ-
मगर निठुर न तुम रुके!
न तुम रुके, रुके न स्वप्न रूप-रात्रि-गेह में,
न गीत-दीप जल सके अजस्र-अश्रु-मेंह में,
धुआँ धुआँ हुआ गगन, धरा बनी ज्वलित चिता,
अंगार सा जला प्रणय अनंग-अंक-देह में,
मरण-विलास-रास-प्राण-कूल पर रचा उठा,
मगर निठुर न तुम रुके!
आकाश में चांद अब, न नींद रात में रही,
न साँझ में शरम, प्रभा न अब प्रभात में रही,
न फूल में सुगन्ध, पात में न स्वप्न नीड़ के,
संदेश की न बात वह वसंत-वात में रही,
हठी असह्य सौत यामिनी बनी तनी रही-
मगर निठुर न तुम रुके!

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

क्या आपकी प्लेट में है फाइबर की कमी? अपनाइए ये 10 हेल्दी आदतें

शरीर में खून की कमी होने पर आंखों में दिखते हैं ये लक्षण, जानिए समाधान

Chest lungs infection: फेफड़ों के संक्रमण से बचने के घरेलू उपाय

क्या मधुमक्खियों के जहर से होता है वेरीकोज का इलाज, कैसे करती है ये पद्धति काम

Fat loss: शरीर से एक्स्ट्रा फैट बर्न करने के लिए अपनाएं ये देसी ड्रिंक्स, कुछ ही दिनों में दिखने लगेगा असर

सभी देखें

नवीनतम

कवि दिनकर सोनवलकर की यादें

Kada Prasad Recipe: घर पर कैसे बनाएं सिख समुदाय का पवित्र कड़ा प्रसाद, पढ़ें स्वादिष्ट रेसिपी

T Point House Vastu Tips: टी’ पॉइंट वाला घर लेना शुभ या अशुभ, जानें बर्बाद होंगे या आबाद

Essay on Nanak Dev: सिख धमे के संस्थापक गुरु नानक देव पर रोचक निबंध हिन्दी में

हिमालय की ऊंचाइयों पर रहती हैं दुर्लभ बिल्ली और उड़न गिलहरी