दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव कब है?

Webdunia
Govardhan puja muhurat 2023: 14 नवंबर को दोपहर 03 बजकर 36 मिनट प्रतिपदा तिथि रहेगी। इस साल चतुर्दशी तिथि का क्षय होने से दिवाली और चतुर्दशी एक ही दिन 12 तारीख को रहेगी जबकि 13 को भी अमावस्या तिथि रहेगी। इसलिए 14 नवंबर को उदया तिथि के अनुसार ही गोवर्धन पूजा की जाएगी और शाम को अन्नकूट महोत्सव मनाया जाएगा। आओ जानते हैं पूजा के शुभ मुहूर्त।
 
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ- 13 नवम्बर 2023 को दोपहर 02:56 से प्रारंभ होगी।
प्रतिपदा तिथि समाप्त- 14 नवम्बर 2023 को दोपहर 02:36 को समाप्त होगी।
 
कब है गोवर्धन पूजा : उदयातिथि के मान से यह उत्सव 14 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा।
 
गोवर्धन पूजा का प्रातःकाल मुहूर्त:- सुबह 06:43 से 08:52 तक।
 
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:44 से 12:27 तक।
विजय मुहूर्त : दोपहर 01:53 से 02:36 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 05:28 से 05:55 तक।
सायाह्न पूाज : शाम 05:28 से 06:48 तक।
अमृत काल : शाम 05:00 से 06:36 तक।
 
कैसे मनाते हैं अन्नकूट उत्सव और गोवधर्न पूजा का यह त्योहार | How Govardhan Puja and Annakoot Festival Celebrate:
 
- दीपावली के बाद यह दिन परस्पर भेंट का दिन भी होता है। एक-दूसरे के गले लगकर दीपावली की शुभकामनाएं दी जाती हैं। गृहिणियां मेहमानों का स्वागत करती हैं। लोग छोटे-बड़े, अमीर-गरीब का भेद भूलकर आपस में मिल-जुलकर यह त्योहार मनाते हैं।
 
- इस दिन परिवार, कुल खानदान के सभी लोग एक जगह इकट्ठे होकर गोवर्धन और श्रीकृष्ण की पूजा करने के बाद साथ में ही भोजन करते हैं और शगुन स्वरूप जुआ भी खेलते हैं। इस दिन विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर गोवर्धन की पूजा करते हैं।
 
- प्रात:काल भगवान कृष्ण का ऐसा चित्र जिसमें वे गोवर्धन पर्वत हाथ में धारण किए खड़े हों अपने पूजाघर में लगाकर उसकी पूजा की जाती हैं। 
 
- इस दिन प्रात:काल स्नान करने के उपरान्त घर की दहलिज के बाहर गोबर से गोवर्धन की आकृति बनाकर उसके समीप विराजमान कृष्ण के सम्मुख गाय तथा ग्वाल-बालों की रोली, चावल, फूल, जल, मौली, दही तथा तेल का दीपक जलाकर पूजा और परिक्रमा की जाती है। पूजा के बाद कई तरह के पकवान बनाकर भोग स्वरूप रखते हैं।
 
- सायंकाल गोवर्धन विग्रह का पंचोपचार विधि से पूजन करें और 56 प्रकार के पकवान बनाकर भोग अर्पित करें।
 
- ग्रामीण क्षेत्र में अन्नकूट महोत्सव इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन नए अनाज की शुरुआत भगवान को भोग लगाकर की जाती है। 
 
- इस दिन गाय-बैल आदि पशुओं को स्नान कराके धूप-चंदन तथा फूल माला पहनाकर उनका पूजन किया जाता है और गौमाता को मिठाई खिलाकर उसकी आरती उतारते हैं तथा प्रदक्षिणा भी करते हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

राहु, शनि और गुरु का गोचर 4 राशियों के लिए है बहुत शानदार, साल के अंत तक मिलेगा शुभ समाचार

सदी का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण 6 मिनट से ज्यादा, आधी धरती पर छा जाएगा अंधेरा

रक्षा बंधन पर इस बार बाजार में आई है ये 5 ट्रेंडी राखियां, जरूर करें ट्राई

शनि का मीन, राहु का कुंभ, केतु का सिंह और गुरु का मिथुन में गोचर होने से 3 राशियां ही रहेंगी बचकर

इस बार रक्षाबंधन पर भाई की कलाई पर बांधें इन 4 में से कोई एक परंपरागत राखी, होगा बहुत शुभ

सभी देखें

धर्म संसार

कब से होंगे गणेश उत्सव प्रारंभ, क्या है गणपति स्थापना और पूजा का शुभ मुहूर्त, मंगल प्रवेश

क्या इस बार 2 दिन बंधेगी राखी? जानें कब मनाया जाएगा रक्षाबंधन का शुभ पर्व

कितने दिनों बाद उतारनी चाहिए कलाई पर बंधी राखी? जानें पारंपरिक नियम

भविष्यवाणी: अमित शाह बनेंगे पीएम तो योगी क्या करेंगे? वायरल है ये कुंडली

रक्षाबंधन पर आजमाएं ये 5 खास उपाय, पलटेगी किस्मत

अगला लेख