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Diwali 2025: जानिए सुहाग पड़वा का क्यों है इतना महत्व, उत्सव के इस अवसर पर भेजिए ये सुंदर शुभकामनाएं

WD Feature Desk
शनिवार, 18 अक्टूबर 2025 (15:32 IST)
suhag padwa 2025: दीपावली के अगले दिन मनाया जाता है सुहाग पड़वा का पर्व। इस बार यह पावन पर्व 22 अक्टूबर, 2025 को मनाया जाएगा। इसे मुख्य रूप से गोवर्धन पूजा, अन्नकूट और बलि प्रतिपदा के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन 'सुहाग पड़वा' नाम विशेष रूप से विवाहित स्त्रियों के लिए महत्व रखता है, जो अपने वैवाहिक जीवन की सुख-समृद्धि और पति की दीर्घायु के लिए यह दिन मनाती हैं।

सुहाग पड़वा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को सुहाग पड़वा या 'पड़वा' कहते हैं। यह दिन कई मायनों में ख़ास है:
अक्षय सौभाग्य का वरदान: यह दिन विवाहित स्त्रियों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन पत्नी द्वारा पति को किया गया ओवाळणी (आरती) का कार्य पति को संकटों से बचाता है और उनके सुहाग को अक्षय बनाता है।
बलि प्रतिपदा: पौराणिक कथा के अनुसार, इसी दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार में दैत्यराज बलि से तीन पग भूमि मांगकर उन्हें पाताल लोक भेज दिया था। बलि की उदारता से प्रसन्न होकर, भगवान विष्णु ने उन्हें वरदान दिया कि वह वर्ष में एक बार पृथ्वी पर आकर अपने भक्तों को आशीर्वाद देंगे।
गोवर्धन पूजा और अन्नकूट: यह दिन भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित गोवर्धन पूजा के लिए भी प्रसिद्ध है। इसी दिन श्रीकृष्ण ने इंद्र के अहंकार को तोड़कर गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की थी। इस दिन घरों और मंदिरों में अन्नकूट महोत्सव मनाया जाता है, जिसमें तरह-तरह के पकवान बनाकर भगवान को भोग लगाया जाता है।

सुहाग पड़वा पर निभाई जाने वाली परंपराएं
महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में इस दिन पत्नियां विशेष रूप से अपने पति की पूजा करती हैं महिलाएं अपने पति को एक चौकी पर बैठाकर उनका तिलक करती हैं और पारंपरिक रूप से आरती उतारती हैं। इसके बाद पति अपनी पत्नी को उपहार देते हैं और उनके सुखी व दीर्घायु जीवन की कामना करते हैं।
नए साल की शुरुआत (गुजरात/महाराष्ट्र): गुजरात और महाराष्ट्र में इसे विक्रम संवत के नए वर्ष की शुरुआत के रूप में भी मनाया जाता है, जिसे बेस्तु वरस या पाडवा कहा जाता है।

सुहाग पड़वा के लिए शुभकामना संदेश
1.   सुहाग पड़वा की हार्दिक शुभकामनाएं! आपका प्रेम सदा बना रहे।
2.   यह पड़वा आपके जीवन में नया उजाला लाए।
3.   गोवर्धन पूजा की तरह आपका रिश्ता भी अटूट हो।
4.   सुहाग पड़वा पर ईश्वर से आपके दीर्घायु होने की प्रार्थना।
5.   आप दोनों का साथ जन्मों-जन्मों तक बना रहे। हैप्पी सुहाग पड़वा!
6.   गोवर्धन महाराज की कृपा आप पर बनी रहे।
7.   सुहाग का पर्व आया है, प्रेम का रंग छाया है।
8.   पड़वा के पावन दिन पर, आपको खूब सारी खुशियां मिलें।
9.   आपका जीवन सुख और समृद्धि से भरा रहे।
10.  ओवाळणी के इस पर्व पर, हमारा बंधन और गहरा हो।
11.  सुहाग पड़वा की ढेर सारी बधाईयां और आशीर्वाद।
12.  बलि प्रतिपदा की तरह आपके जीवन में खुशहाली आए।
13.  हर इच्छा हो पूरी, न रहे कोई दूरी। शुभ पड़वा!
14.  ईश्वर करे, हर जन्म में आपका साथ मिले।
15.  गोवर्धन की शक्ति और आपके प्रेम की भक्ति बनी रहे।
16.  सुखी दांपत्य जीवन के लिए यह पर्व मंगलमय हो।
17.  आज का दिन आपके सुहाग को अक्षय करे।
18.  प्रेम और विश्वास का दीप सदा जलता रहे।
19.  अन्नकूट के प्रसाद की तरह जीवन में मिठास घुली रहे।
20.  सुहाग पड़वा की शुभकामनाएं, सदा मुस्कुराते रहें।
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