क्या आप जानते हैं प्रतिपदा को लेकर ये 8 पौराणिक मान्यताएं...

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* हिन्दू नए वर्ष के आरंभ को लेकर मान्यताएं..


 
*  चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नए वर्ष का आरंभ माना जाता है।

* ब्रह्म पुराण में ऐसे संकेत मिलते हैं कि इसी तिथि को ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना की थी। इसका उल्लेख अथर्ववेद तथा शतपथ ब्राह्मण में भी मिलता है।

* सृष्टि के संचालन का दायित्व इसी दिन से सारे देवताओं ने संभाल लिया था।


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जानिए चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही वर्षारंभ क्यों माना जाता है?

 
 

 


* 'स्मृत कौस्तुभ' के मतानुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को रेवती नक्षत्र के 'विष्कुम्भ योग' में भगवान श्री विष्णु ने मत्स्यावतार लिया था।

* महान सम्राट विक्रमादित्य के संवत्सर का यहीं से आरंभ माना जाता है।


 

 


* ईरान में 'नौरोज' का आरंभ भी इसी दिन से होता है, जो संवत्सरारंभ का पर्याय है।

* 'शक्ति संप्रदाय' के अनुसार इसी दिन से नवरात्रि का शुभारंभ होता है।

* सतयुग का आरंभ भी इसी दिन से हुआ था।



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