भाजश प्रत्याशी डटे रहेंगे-पटेल

Webdunia
शुक्रवार, 21 दिसंबर 2007 (18:59 IST)
भारतीय जन शक्ति संचालक मंडल के सदस्य प्रहलाद पटेल ने सार्वजनिक रूप से दल की कार्यवाहक अध्यक्ष उमा भारती और संचालक मंडल के बीच मतभेद स्वीकार करते हुए कहा कि गुजरात में पार्टी प्रत्याशी चुनाव मैदान में डटे रहेंगे।

पटेल ने शुक्रवार को कहा कि संचालक मंडल ने गुजरात विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी के प्रत्याशी न हटाने का फैसला दल की विश्वनीयता को बनाए रखने के लिए लिया है और वे इस पर अडिग है।

पार्टी के लिए सुश्री उमा भारती और संचालक मंडल में कौन सर्वोच्च है, इस पर पटेल ने कहा कि वर्तमान में पार्टी के गठन की प्रक्रिया चल रही है और संचालक मंडल ही सर्वेसर्वा है।

सुश्री भारती के संचालक मंडल के खिलाफ जाने और गुजरात से प्रत्याशी हटाने की मंशा जाहिर करने पर क्या पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी, इस पर पटेल ने कहा कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है और उन्हें विश्वास है कि इसे सुलझा लिया जाएगा।

गुजरात में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में सुश्री भारती के प्रचार में शामिल होने संबंधी प्रश्न को टालते हुए उन्होंने कहा कि प्रचार अभियान में वे स्वयं शामिल होंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या इसे सुश्री भारती की भाजपा में वापसी का संकेत माना जाय, पटेल ने कहा यह प्रश्न उन्हीं से पूछा जाना चाहिए।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जहाँ तक उनकी भाजपा में वापसी की बात है तो वह अपने पूर्व के बयान पर अडिग हैं। यह पूछे जाने पर कि पूर्व का बयान क्या है, उन्होंने कहा कि वह पहले ही लिखित में जारी कर चुके हैं।

उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यवाहक अध्यक्ष के गुजरात से प्रत्याशी हटाने संबंधी बयान से संगठन एवं कार्यकर्ताओं में भ्रांति की स्थिति बनी है और इसी के मद्देनजर वह यह स्पष्ट कर रहे है कि मध्यप्रदेश के खरगोन लोकसभा और सांवेर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी नहीं हटाए जाएँगे। उन्होंने कहा कि इन उपचुनावों में सुश्री भारती स्वयं प्रचार करेंगी।

गुजरात चुनाव लड़ने के मुद्दे को 'उमा और पटेल' के बीच लड़ाई के रूप में प्रचारित करने पर आपत्ति व्यक्त करते हुए पटेल ने कहा कि संगठन में मतैक्य बना हुआ है और इसे जानबूझकर प्रचारित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि गुजरात के संदर्भ में उनके, सुश्री भारती, निर्णय की काली छाया पार्टी पर न पड़े और कार्यकर्ता भ्रमित नहीं हो इसीलिए वे पार्टी का दृष्टिकोण स्पष्ट कर रहे हैं।

पटेल ने कहा कि गुजरात मुद्दे पर सुश्री उमा भारती और संचालक मंडल के फैसले को लेकर कोई विवाद पैदा नहीं हो इस उद्देश्य से वह 12 दिसम्बर 2007 से दो जनवरी 2008 तक मौन रखेंगे।

मौन अवधि के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न और गन्ना किसानों की समस्या को लेकर वे आंदोलन का नेतृत्व करेंगे।

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