गुरु पूर्णिमा कब है, जानिए गुरु पूजन विधि और मुहूर्त

WD Feature Desk
शनिवार, 28 जून 2025 (13:15 IST)
guru purnima kab hai 2025: प्राचीन भारत में गुरु शिष्य परंपरा रही है इसी के चलते आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन गुरु पूजन किया जाता है। गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा या के नाम से भी जाना जाता है। इसे वेद व्यास जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इसीलिए परंपरागत रूप से इस दिन महर्षि वेद व्यास की पूजा होती है। इस बार गुरु पूर्णिमा का यह पर्व 10 जुलाई 2025 गुरुवार को मनाया जाएगा। 
 
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 10 जुलाई 2025 को 01:36 AM से। 
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 11 जुलाई 2025 को 02:06 AM  तक।
 
पूजा का शुभ मुहूर्त:
सुबह: 04:10 से 05:31 तक।
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:59 से दोपहर 12:54 तक।
शाम: 07:21 से 08:23 तक।
 
गुरु पूर्णिमा की पूजा विधि:- 
स्नान से निवृत्त होकर सबसे पहले पूजा स्थल को शुद्ध करें।
पूजा स्थल पर एक बड़ा पाट लगाएं। 
पाट के ऊपर श्वेत वस्त्र पर चावल की ढेरी लगाकर उस पर कलश-नारियल रख दें। 
उत्तराभिमुख होकर सामने शिवजी का चित्र रख दें। 
शिवजी को गुरु मानकर निम्न मंत्र पढ़कर श्रीगुरुदेव का आवाहन करें-
'ॐ वेदादि गुरुदेवाय विद्महे, परम गुरुवे धीमहि, तन्नौ: गुरु: प्रचोदयात्।।'
हे गुरुदेव! मैं आपका आह्वान करता हूं। 
फिर यथाशक्ति पूजन करें, नैवेद्यादि आरती करें तथा 'ॐ गुं गुरुभ्यो नम: मंत्र' की 11, 21, 51 या 108 माला करें।
यदि किसी विशेष साधना को करना चाहते हैं, तो उनकी आज्ञा गुरु से मानसिक रूप से लेकर की जा सकती है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

श्री कृष्‍ण जन्माष्टमी पर बन रहे हैं शुभ योग, जानिए पूजा मुहूर्त, विधि और मंत्र

कृष्ण जन्माष्टमी पर इस तरह से करें बालमुकुंद की पूजा, मिलेगा फल

श्री कृष्‍ण जन्माष्टमी की 12 खास परंपरा जो इस पर्व बनाती है रोचक

भविष्यवाणी: शनि के दंड से मरेगा पाकिस्तान, भारत से युद्ध की अगली तारीख कौनसी?

जन्माष्टमी 15 या 16 अगस्त को, जानिए सही डेट क्या है?

सभी देखें

धर्म संसार

14 अगस्त 2025 : आपका जन्मदिन

14 अगस्त 2025, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

बांके बिहारी मंदिर में सिर्फ जन्माष्टमी पर ही क्यों होती है मंगला आरती, क्या है रहस्य

हमें अपनी जड़ों को गहरा और दृष्टिकोण को व्यापक करना चाहिए

प्रेग्नेंट महिला के कमरे में क्यों लगाई जाती है बाल कृष्ण की तस्वीर? जानिए कारण

अगला लेख