हिंदू धर्मग्रंथ के अनुसार इंद्र के बेटे जयंत के घड़े से अमृत की बूंदे भारत में चार जगहों पर गिरी- हरिद्वार, उज्जैन, नासिक और प्रयाग। हरिद्वार में गंगा नदी में, उज्जैन में शिप्रा नदी में, नासिक में गोदावरी और प्रयाग (इलाहाबाद) में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम स्थल पर कुंभ का आयोजन होता है। हरिद्वार और प्रयाग भारत के उत्तर प्रदेश में स्थित है तो नासिक महाराष्ट्र में। उज्जैन मध्य प्रदेश के मध्य में स्थित है जिसे प्राचीन काल में अवंतिका कहते थे। धार्मिक विश्वास के अनुसार कुम्भ में श्रद्धापूर्वक स्नान करने वाले लोगों के सभी पाप कट जाते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
उत्तररांचल प्रदेश में हरिद्वार अर्थात हरि का द्वार है। हरि याने भगवान विष्णु। हरिद्वार नगरी को भगवान श्रीहरि (बद्रीनाथ) का द्वार माना जाता है, जो गंगा के तट पर स्थित है। इसे गंगा द्वार और पुराणों में इसे मायापुरी क्षेत्र कहा जाता है। यह भारतवर्ष के सात पवित्र स्थानों में से एक है।
हरिद्वार में हर की पौड़ी को ब्रह्मकुंड कहा जाता है। इसी विश्वप्रसिद्ध घाट पर कुंभ का मेला लगता है। हरिद्वार के पास ही बेहद खूबसूरत धार्मिक स्थल है ऋषिकेश।
हरिद्वार के दर्शनीय स्थल : ब्रह्मकुंड, हर की पौड़ी और मनसादेवी का मंदिर। इसके अलावा भगवान विष्णु, ब्रह्मा, शिव, गंगा, दुर्गा के खूबसूरत मंदिर हैं। इन मंदिरों में संगमरमर के पत्थरों पर सुंदर आकृतियां उकेरी गई हैं।