देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार कुंभ के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी कर दी है जिसमें महापर्व के दौरान गंगा स्नान के लिए आने वाले लोगों को अपने आगमन से 72 घंटे पहले तक आरटीपीसीआर पद्धति से की गई कोरोनावायरस जांच की निगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा इस संबंध में 22 जनवरी को जारी दिशा-निर्देशों पर आधारित इस एसओपी के अनुसार श्रद्धालुओं को महाकुंभ मेला-2021 के वेबपोर्टल पर अपना पंजीकरण कराना जरूरी होगा। इसके बाद उन्हें ई-पास या ई-परमिट जारी किया जाएगा।
कुंभ में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को हरिद्वार आगमन की तिथि से केवल 72 घंटे पूर्व तक की आरटीपीसीआर की कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा। इसके अलावा अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को आश्रम या धर्मशाला में प्रवेश के दौरान अपने मूल राज्य, जिला या तहसील के स्वास्थ्य केंद्र द्वारा निर्धारित प्रारूप में जारी कोरोना वायरस फिटनेस प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि श्रद्धालु अपनी जांच रिपोर्ट, फिटनेस प्रमाण-पत्र और ई-पास को अपने मोबाइल फोन में या उनकी मूल प्रतियां रख सकते हैं जिससे सत्यापन के दौरान मांगे जाने पर उन्हें दिखाया जा सके।
उन्होंने बताया कि सभी राज्य सरकारों से अनुरोध किया गया है कि वे कुंभ से संबंधित इन एसओपी का भरपूर प्रचार करें ताकि आने से पहले श्रद्धालुओं में कोई भ्रम की स्थिति न रहे।
अधिकारी ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग को भी यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि कुंभ की ड्यूटी पर तैनात किए जाने वाले स्वास्थ्यकर्मिंयों तथा अग्रिम मोर्चे के कर्मियों को प्राथमिकता के आधार पर कोविड रोधी टीके की खुराकें लगाई जाएं।
ओमप्रकाश ने कहा कि अधिकारियों को सार्वजनिक स्थानों पर 6 फुट की शारीरिक दूरी रखने, मास्क लगाने और बार-बार हाथ सैनेटाइज करने जैसे कोविड के अनुरूप व्यवहार का पालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है।
कुंभ में आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध यात्रा परामर्श के अलावा इस एसओपी का पालन भी करना होगा। मुख्य सचिव ने कहा कि एसओपी का उल्लंघन होने पर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
कुंभ मेला क्षेत्र में पार्किंग, घाट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, होटल, अतिथिगृहों, आश्रम और धर्मशालाओं समेत सभी स्थानों पर कुंभ अवधि के दौरान एसओपी लागू रहेगी। कुंभ मेले के 1 अप्रैल को शुरू होने की संभावना है और यह 28 दिन तक चलेगा। कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए इस बार कुंभ की अवधि को छोटा किया जा रहा है। (भाषा)