Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

हरिद्वार कुंभ मेला 2021 : सप्तधारा हरिद्वार की 5 बातें

हमें फॉलो करें हरिद्वार कुंभ मेला 2021 : सप्तधारा हरिद्वार की 5 बातें

अनिरुद्ध जोशी

उत्तररांचल प्रदेश में हरिद्वार नगरी को भगवान श्रीहरि (बद्रीनाथ) का द्वार माना जाता है, जो गंगा के तट पर स्थित है। इसे गंगा द्वार और पुराणों में इसे मायापुरी क्षेत्र कहा जाता है। यह भारतवर्ष के सात पवित्र स्थानों में से एक है। हरिद्वार में हर की पौड़ी को ब्रह्मकुंड कहा जाता है। इसी विश्वप्रसिद्ध घाट पर कुंभ का मेला लगता है। आओ जानते हैं हरिद्वार के सप्त सागर या सप्त धारा के बारे में संक्षिप्त जानकारी।
 
 
1. यहां सप्त सागर नामक एक स्थान हैं जहां पर गंगा नदी सात धाराओं में बहती है। इसी के पास सप्तऋषि आश्रम है। 
 
2. माना जाता है कि जब गंगा नदी बहती हुई आ रही थीं तो यहां सात ऋषि गहन तपस्या में लीन थे। गंगा ने उनकी तपस्या में विघ्न नहीं डाला और स्वयं को सात हिस्सों में विभाजित कर अपना मार्ग बदल लिया। इसलिए इसे 'सप्‍त धारा' भी कहा जाता है।
 
3. हर-की-पौड़ी से 5 किमी दूर स्थित यह स्थान एक हिंदू लोककथा के अनुसार, यह आश्रम सात ऋषियों का आराधना स्थल था। 
 
4. वैदिक काल के ये प्रसिद्ध सात साधु थे- कश्यप, अत्री, वशिष्ठ, जमदग्नी, गौतम, विश्वामित्र एवं भारद्वाज। 
 
5. यह स्थान 'सप्त सरोवर या सप्त ऋषी कुंड' के नाम से भी जाना जाता है। आगे चलकर ये सात धाराएं आपस में मिलकर एक सुंदर चैनल बनाती हैं जिसे नील धारा कहा जाता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कालरात्रि और काली, जानिए फर्क