बाल गिरने के कारण व प्रकार

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बाल गिरने का एक प्रकार वह होता है, जिसे 'मेल पैटर्न बाल्डनेस' (एमपीबी) कहते हैं। इसे 'एलोपेसिया हेरीडिटेरिया' भी कहते हैं। इसमें सामान्य बालों के झड़ने के बाद उनकी जगह इतने पतले और हलके बाल निकलते हैं जो लगभग अदृश्य होते हैं।

जैसे-जैसे समय बीतता जाता है, ज्यादा सामान्य बाल झड़ते रहते हैं और उनकी जगह ये लगभग अदृश्य बाल निकलने लगते हैं। इन बेहद पतले और आँखों से न दिखाई देने वाले बालों के कारण व्यक्ति गंजा दिखाई देता है।

असली गंजेपन में बालों की जड़ें सूख जाती हैं और उनके 'फॉलिकल्स' नष्ट हो जाते हैं। बाल झड़ने के रोगियों में 90 प्रतिशत रोगी इसी श्रेणी में आते हैं।

' एमपीबी' का संबंध 'जीन' और पुरुष हार्मोनों से होता है। गंजापन एक जीन के कारण भी होता है, जिसे 'बाल्डनेस जींस' कहते हैं, जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलता है।

कुछ शोधकर्ताओं के अनुसार 'डीएचटी' या डिहाइड्रोटेस्टोस्टेरॉन (चयापचय की क्रिया के दौरान उत्पन्न हुआ टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन का परिवर्तित रूप) भी बालों के गिरने के लिए जिम्मेदार होता है, जिसका स्तर शरीर में बढ़ती उम्र के साथ बढ़ता है और प्रोस्टेस्ट की समस्या से भी जिसका संबंध है। बाल झड़ने में पुरुष हार्मोनों की किसी न किसी रूप में भूमिका होती ही है।

' एमपीबी' की समस्या में कम उम्र में ही सिर के किनारों से बाल उड़ने शुरू हो जाते हैं। कभी-कभी यह लक्षण सेक्स के लिहाज से 'मैच्योर' (परिपक्व) होने से पहले ही शुरू हो जाता है। 'एमपीबी' में बालों का गिरना सिर के ऊपरी भाग तक ही सीमित रहता है।

बालों का गिरना इसी जगह क्यों सीमित रहता है, इसके कारणों का पता अभी नहीं चल सका है। बाल झड़ने के प्रमुख कारणों में थकान, त्वचा का रूखापन, भूख की कमी, कब्ज रहना, शरीर में सुन्नता शुक्राणुओं की कमी, बार-बार संक्रमण होना आदि भी हैं।

गंजापन लगभग 36 प्रकार का होता है, इन सभी प्रकारों में सिर के कुछ या पूरे बाल झड़ जाते हैं। इस तरह गंजापन संपूर्ण या आंशिक तौर पर हो सकता है। एक प्रकार के गंजेपन में न केवल सिर, बल्कि पूरे शरीर के बाल नष्ट हो जाते हैं। इसे वैज्ञानिक भाषा में 'एलोपेसिया यूनिवर्सालिस' कहते हैं।

कुछ प्रमुख कारण

कभी-कभी अचानक सिर, दाढ़ी तथा समूचे शरीर के बाल जगह-जगह गुच्छों के रूप में निकल जाते हैं। इस तरह के गंजेपन को 'एलोपेसिया एरिएटा' कहते हैं। इन विभिन्न प्रकार के गंजेपन के संभावित कारण इस प्रकार हैं-

* रक्त संचार में कमी, पुरानी बीमारी, तेज बुखार, मानसिक आघात, डायबिटीज, जरूरत से ज्यादा विटामिनों का सेवन, कुपोषण, सिर की त्वचा कोशिकाओं का आपसी कसाव ज्यादा होना, रूसी-जूँ होना, लौह तत्व की कमी, नशीले पदार्थों का सेवन आदि।

* पेनिसिलीन, सल्फोनेमाइड्स, माइसिन हेपारिन और कार्बिमाजोल आदि दवाओं के सेवन से भी गंजापन आता है।

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