जानि‍ए, किडनी की बीमारियों के 7 लक्षण...

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पिछले कुछ सालों में किडनी से जुड़ी बीमारियों से होने वाली मौतों में काफी इजाफा हुआ है। बावजूद इसके प्राय: लोग किडनी से जुड़ी समस्याओं के लक्षण समझ नहीं पाते और डॉक्टर के पास तब जा पाते हैं जब समस्या बहुत अधिक बढ़ चुकी होती है और बचने के अवसर बेहद कम होते हैं। 
 
दरअसल किडनी हमारे शरीर में सफाई का काम करती हैं। यह गंदगी बाहर निकालने वाले सिस्टम का एक बहुत अहम हिस्सा हैं। दोनों किडनियों में खून साफ होता है। हमारी दोनों किडनियों में छोटे-छोटे लाखों फिल्टर होते हैं जिन्हें नेफरोंस कहते हैं। नेरोफेंस हमारे खून को साफ करने का काम करते हैं। किडनी में होने वाले इस सफाई सिस्टम के कारण हमारे शरीर से हानिकारक तत्व पेशाब के साथ बाहर निकल जाते हैं। किडनी के अन्य कामों में लाल रक्त कण का बनना और फायदेमंद हार्मोंस रिलीज करना शामिल हैं। किडनियों द्वारा रिलीज किए गए हार्मोंस द्वारा ब्लड प्रेशर नियंत्रित होता है और हड्डियों के लिए बेहद जरूरी विटामिन डी का निर्माण किया जाता है।  
किडनी की बीमारी के लक्षण, अगले पेज पर 

शरीर में पानी और अन्य जरूरी तत्व जैसे मिनरल्स, सोडियम, पोटेसियम और फॉस्फोरस का रक्त में संतुलन बनाए रखने में किडनी का महत्वपूर्ण योगदान है। हालांकि उम्र बढ़ने पर किडनी की कार्यशीलता भी प्रभावित होती है परंतु कुछ ऐसे कारण होते हैं जिनसे समय के पहले ही किडनी से जुड़ी समस्याएं सामने आ सकती हैं। इन समस्याओं का कारण किडनी की बीमारियों से जुड़ा पारिवारिक इतिहास, डायबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर, नशा और अधिक वजन हो सकता है। 
 
जानि‍ए कुछ ऐसे लक्षण जो किडनी संबंधी बीमारियों की दस्तक हो सकते हैं -  
 
1 युरिनरी फंक्शन में बदलाव : सबसे पहला लक्षण जो उभर कर आता है वह है युरिनरी फंक्शन में बदलाव। किडनी में किसी प्रकार की समस्या के चलते पेशाब के रंग, मात्रा और कितने बार पेशाब आती है, इन चीजों में बदलाव आ जाएगा। इसके अलावा आप इन लक्षणों पर ध्यान दे सकते हैं। 
1. रात में बार बार पेशाब आना।
2. पेशाब की इच्छा होना परंतु बाथरूम में जाने पर पेशाब न होना। 
3. हमेशा से ज्यादा गहरे रंग में पेशाब आना।
4. झाग वाली और बुलबुलों वाली पेशाब आना। 
5. पेशाब में खून दिखना। 
6. पेशाब करने में दर्द होना या जलन होना। 
अन्य लक्षण पढ़ें अगले पेज पर ...

2  शरीर में सूजन आना : हमारी किडनियां शरीर से गंदगी बाहर फेंकती हैं साथ ही शरीर में से अतिरिक्त तरल पदार्थ को भी निकालती हैं। जब किडनियों की कार्यप्रणाली में कोई दिक्कत आती है तो शरीर से बाहर न निकलने वाली गंदगी और तरल पदार्थ समस्याएं उत्पन्न करते हैं। जिनसे शरीर में सूजन आ जाती है। यह सूजन हाथों, पैरों, जोड़ों, चेहरे और आंखों के नीचे हो सकती है। अगर आप अपनी त्वचा को उंगली से दबाएं और डिम्पल थोड़ी देर तक बने रहें तो डॉक्टर के पास जाने में देर न करें।
 

 

 
3  चक्कर आना और कमजोरी : जब किडनियों की कार्यप्रणाली में अवरोध होता है, तो आपको हमेशा चक्कर आने की संभावना बढ़ जाती है। पूरे समय आप थकावट महसूस करते हैं और कमजोरी का एहसास होता है। ये लक्षण खून की कमी और गंदगी के शरीर में जमा होने से उत्पन्न हो सकते हैं। शरीर में एनीमिया की स्थिति बनने से सर घूमना, हल्का सरदर्द, संतुलन न बनना जैसे लक्षण उभरते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एनीमिया की वजह से दिमाग तक जरूरी मात्रा में खून नहीं पहुंच पाता। बाद में यह समस्या याददाश्त  तक पहुंच जाती है और काम से ध्यान भटकने लगता है। इसके अलावा सोने में भी मुश्किल आने लगती है। 
 
अपनी स्वस्थ अवस्था में किडनी इर्यथ्रोपोइटिन नाम का हार्मोन बनाती हैं। यह हार्मोन शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह का कार्य करने वाले लाल रक्त कणों की संख्या में इजाफा करता है। जब किडनी अपना कार्य नहीं कर पाती तो लाल रक्त कणों की संख्या घट जाती है। इसके अलावा शरीर की गंदगी बाहर न निकलने से भूख लगना कम हो जाता है और आप कमजोरी के साथ सांस फूलने जैसी समस्या भी महसूस कर सकते हैं। किडनी शरीर से गंदगी निकालने के साथ ही खून के प्रवाह को भी सुचारू करती है। किडनी में परेशानी होने से फेफड़ों में भी मुश्किल खड़ी होती हैं और सांस लेने में परेशानी होने लगती है।

4  पीठ दर्द का कारण न समझ पाना : आपकी पीठ और पेट के किनारों में बिना वजह दर्द महसूस करना किडनी में इंफेक्शन या किडनी संबंधी बिमारियों के लक्षण हो सकते हैं। जब किडनी सही तरीके से काम करना बंद कर देती हैं तो आप चाहे जब दर्द महसूस करते हैं। इसके अलावा शरीर अकड़ना और जोड़ों में समस्या सामने आती है। 
 
पीठ में नीचे की तरफ होने वाले दर्द की एक वजह किडनी में पथरी भी हो सकती है। पोलिसासिस्टिक रेनाल डिसीज एक वंशानुगत बीमारी है, जिससे किडनी के सिस्ट में पानी भर जाता है और पीठ में नीचे, एक तरफ या पेट में दर्द होने लगता है। 
 
5 स्किन खुरदुरी हो जाना और खुजली होना : अचानक त्वचा का फटना, रेशेज होना, अजीब लगना और बहुत ज्यादा खुजली महसूस होना शरीर की गंदगी के एकत्रित होने के परिणाम हो सकते हैं। किडनी के निष्प्रभावी हो जाने से शरीर में कैल्शि‍यम और फॉस्फोरस की मात्रा प्रभावित होती है, जिससे अचानक से बहुत ज्यादा खुजली होने लगती है। आमतौर पर स्वस्थ त्वचा भी फटने लगती है, खुरदुरी हो जाती है और खुजली होती है।

6 उल्टियां आना : किडनी से जुड़ी समस्याओं के परिणामस्वरूप उल्टी आने जैसे लक्षण आम बात हो जाते हैं। इसके अलावा गैस से जुड़ी समस्याएं हर सुबह सामने आती हैं। अगर आप उल्टी के दवाईयां लेने के बाद भी समस्या को जस की तस पाएं तो फौरन डॉक्टर से पूरा चेकअप करवाएं । 
 
7  ठंड लगना : अच्छे मौसम के बावजूद अजीब-सी ठंड लगना और कभी-कभी ठंड लगकर बुखार भी आ जाना भी इसके लक्षणों में शामिल है। आपके तापमान अधि‍क होने पर भी ठंड का एहसास हो तो डॉक्टर की सलाह बेहद जरूरी है। 
 
अच्छे स्वास्थ्य में शरीर के सभी अंगों का सुचारू संचालन बेहद जरूरी है। किडनी हमारे शरीर में दिन रात काम करती हैं और हमें स्वस्थ रखती हैं। दिए गए किसी भी लक्षण को अनदेखा न करें। ये आगे विकराल रूप में आने वाली समस्या की दस्तक हो सकते हैं। जैसी आप कुछ भी अलग महसूस करें अपने डॉक्टर से संपर्क कर सही कारण का पता लगाए। इस प्रकार समस्या छोटे रूप में ही सुलझाई जा सकती है।

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