Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कोरोना से रिकवर होने के बाद आखिर क्यों झड़ते हैं बाल?

हमें फॉलो करें कोरोना से रिकवर होने के बाद आखिर क्यों झड़ते हैं बाल?
कोरोना का दंश झेलने के बाद कोविड मरीज कोरोना वायरस के साइड इफेक्ट झेल रहे हैं। कोविड मरीजों में अन्‍य बीमारियों के साथ ही बाल तेजी से गिर रहे हैं। कोविड से रिकवर हुए मरीजों के मुताबिक कंघी करने, नहाने या बालों में हाथ लगाने पर बाल तेजी से टूटने लगे हैं। क्‍या बाल झड़ने की समस्या को रोका जा सकता है? क्‍या न्यूट्रिशन जरूरी है? पोस्‍ट कोविड में क्यों झड़ रहे हैं बाल आइए जानते हैं -

विशेषज्ञों के मुताबिक कोविड से ठीक होने के बाद बाल झड़ने की समस्या देखने को मिल रही है। अगर शुरुआत में ही इसपर ध्यान दे दिया जाता है तो बालों को झड़ने से रोका जा सकता है। सही वक्त पर इलाज करने से इसमें आराम मिल सकता है। इलाज शुरू करने के करीब 2 महीने बाद तक काफी हद तक आराम मिल सकता है। बाल झड़ना पूरी तरह से बंद हो जाते हैं।

पोस्‍ट कोविड में इसलिए झड़ते हैं बाल -

दरअसल, कोविड के बाद बाल झड़ने का मुख्य कारण है डिप्रेशन और स्‍ट्रेस। बता दें कि बालों की ग्रोथ दो फेज में होती है पहला ग्रोइंग फेज और दूसरा रेस्टिंग फेज। इंसान के 70 से 80 फीसदी तक बाल ग्रोइंग फेज में होते हैं और बाकी  रेस्टिंग फेज में होते हैं। लेकिन जब किसी तरह का तनाव बढ़ता है तो कुछ दिनों तक जारी रहता है। वह ग्रोइंग फेजज के 50 फीसदी बाल रेस्टिंग फेज में चले जाते हैं। ऐसे में हेयर लॉस की समस्या पैदा होने लगती है।

इस बीमारी के दौरान आप जितना तनाव कम लेंगे उतना ही फर्क पड़ेगा। इसके लिए आप अलग-अलग तरह की एक्टिविटी करते रहे। अपनी पंसदीदा फिल्‍म देखते रहें, किताबें पढ़े, जिस कार्य में रूचि है वह करें।

डाइट में करें बदलाव -

जी हां, कोविड से ग्रसित मरीजों की हेल्थ पर काफी असर पड़ा है। पोस्‍ट कोविड साइड इफेक्ट बुरी तरह से मरीजों को जकड़ कर रख रहे हैं। इस समस्या से निपटने के लिए हेल्दी डाइट के साथ मेंटल स्‍ट्रेस को जरूर कम करें। हेल्दी डाइट में आयरन, प्रोटीन जैसी चीजों को जरूर शामिल करें।

अपने खाने की मात्रा जरूर बढ़ाएं। इसके अलावा पनीर, दाल, सोयाबीन अपनी डाइट में शामिल करें। वहीं आयरन के लिए पालक, हरे पत्ते वाली सब्जी खाएं। साथ ही 4 से 5 लीटर पानी जरूर पिएं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

प्रवासी हिंदी कविता : जिंदगी के चार पाए