कपिल शर्मा इन दिनों अपनी शराब की लत को छुड़ाने बेंगलुरु के एक आयुर्वेदिक आश्रम गए हुए हैं। कपिल शर्मा की ही तरह ऐसे कई लोग हैं, जो शराब ही लत से परेशान हो चुके हैं और अब वे इस लत से छुटकारा चहाते हैं। इस लत से होने वाले नुकसान से बचने के लिए वे तरह-तरह के उपाए की खोज कर रहे हैं।
शराब की लत से से शारीरिक व मानसिक बीमारियां तो होती ही हैं, साथ ही ऐसे लोगों की अपराध से भी जुड़ने की संभावना बढ़ जाती है। यदि घर का एक भी सदस्य शराब की चपेट में हो तो पूरे परिवार पर इसका विपरीत असर पड़ता है और पारिवारिक समस्या बढ़ जाती है। शराब की लत से केवल शराबी को ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इस लत से छुटकारा पाना बेहद जरुरी हो जाता है।
आप कैसे शराब की लत से छुटकारा पा सकते हैं, यह जानने से पहले यह भी जानना जरुरी है कि किन कारणों से शराब पीने की लत लगती है? आइए, जानते हैं-
1. कई बार पूरा दोष शराबी का नहीं होता है, क्योंकि यह लत आनुवांशिक भी हो सकती है। जिन लोगों के माता-पिता शराबी हैं उनके बच्चों में सामान्य बच्चों के मुकाबले शराब की लत पड़ने के ज्यादा चांस होते हैं और वे शराब के प्रति स्वत: ही आकर्षित हो जाते हैं।
2. ऐसे लोग जिनके आसपास का माहौल व दोस्तों का ग्रुप शराब पीने वाला हो, तो वे भी इसकी चपेट में आसानी से आ जाते हैं।
3. कुछ लोग केवल खास अवसरों पर ही शराब पीते हैं, वहीं कुछ लोग कब ज्यादा पीने लगते हैं, उन्हें पता ही नहीं चल पाता। ऐसे लोगों के शरीर में 'टेट्राहाइड्रोआइसोक्वीनोलिन' नाम का एक केमिकल बन जाता है, जो उन्हें बार-बार शराब पीने के लिए प्रेरित करता है। एक बार लत लगने के बाद इसे छोड़ना बहुत ही मुश्किल हो जाता है।
शराब की लत लगने के बाद व्यक्ति में आमतौर पर यह लक्षण दिखाई देते हैं-
1. घबराहट, बेचैनी, चिड़चिड़ापन, अति उत्सुकता।
2. गुस्सा आना, मूड जल्दी-जल्दी बदलना।
3. तनाव और मानसिक थकावट रहना।
4. याददाश्त कमजोर पड़ना।
5. नींद आने में परेशानी होना।
6. सिर में तेज दर्द होना।
7. ज्यादा पसीना आना खासकर हथेलियों और पैर के तलवे पर।
8 जी मिचलाना और भूख कम लगना।
9. शरीर थरथराना और पलक झपकते रहना।
10. शरीर में ऐंठन और मरोड़ होना।
आइए, अब जानते हैं कि किन तरीकों को अपनाकर शराब की लत से निजात पाई जा सकती है-
1. आयुर्वेद पद्धति : शराब से लीवर, पेट और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारियां हो जाती हैं।आयुर्वेद में इन बीमारियों को दूर करने की दवा दी जाती है और साथ ही शराब का विकल्प भी दिया जाता है, जिसमें अल्कोहल की मात्रा काफी कम हो। इसके साथ ही ऐसे रोगियों को परामर्श केंद्र भेजा जाता है।
2. होम्योपैथी पद्धति : यहां भी काउंसलिंग की जाती है और साथ ही होम्योपैथी की दवा दी जाती है, जिससे शराब की लत के शिकार लोगों को राहत मिल सकती है। ये दवाएं न सिर्फ अल्कोहल से शरीर को होने वाली बीमारियों को ठीक करती हैं, बल्कि मनोवैज्ञानिक नजरिए से भी फायदा पहुंचाती हैं।
3. मुद्रा, ध्यान और योगाभ्यास : शराब की लत पड़ने के बाद व्यक्ति का आत्मविश्वास कमजोर होने लगता है, एकाग्रता कम होने लगती है, साथ ही पूरे शरीर में शराब का जहर फैल जाता है।
ऐसे में मुद्रा, ध्यान तथा योग क्रियाओं के माध्यम से व्यक्ति के शरीर से जहर को निकाना जाता है। रोगी को उल्टियां करवाई जाती हैं। इस पद्धति में शरीर और मन का शुद्धिकरण किया जाता है। मन को मजबूत बनाया जाता है, जिससे व्यक्ति की शराब को छोड़ पाने की इच्छाशक्ति मजबूत हो जाए।