मक्खी-मच्छर ही नहीं, बरसात में इन 7 जीवों से भी रहें सावधान

Webdunia
बारिश के मौसम में सांप और बिच्छुओं सहित अन्य कीटों का इंसानों पर हमला होता है। शहरी इलाकों में सांप और बिच्छु भले ही कम निकलते हों लेकिन अन्य कीट इंसानों की बस्तियों में हमेशा से मौजूद रहते आए हैं। बारिश का पानी जमीन में जाते ही बिलों में छिपे हुए सांप बाहर निकल आते हैं।
 
ग्रामीण इलाकों में सांपों के बिल मानव बस्तियों के आसपास होते हैं इसलिए सर्पदंश का सबसे अधिक हमला भी उन्हीं पर होता है। शहरी आबादी में भी सांप पाए जाते हैं लेकिन उतनी संख्या में नहीं जितने गांवों में होते हैं। इसके अलावा पिस्सू, खटमल, मच्छर, मधुमक्खियां और लाल चीटियों का प्रकोप भी इन दिनों में बढ़ जाता है।
 
1 सर्प - कभी भी सर्पदंश वाले स्थान से जहर "चूसने" की कोशिश न करें। ऐसा करना खुद आपके लिए घातक हो सकता है साथ ही मरीज का भी कोई भला नहीं होता। किसी तरह का घरेलू उपचार देने की कोशिश न करें। मरीज को तत्काल अस्पताल पहुंचाएं। 
 
सांप को अच्छी तरह देखने और पहचानने की कोशिश करें। आशय यह है कि सांप का हुलिया बताने से चिकित्सक को इलाज करने में आसानी होती है। 
 
मरीज को शांत रखने की कोशिश करें। मरीज जितना उत्तेजित रहेगा उसका रक्तचाप भी उसी गति से बढ़ेगा। मरीज को बिस्तर पर सीधा लेटा दें। शरीर में जितनी कम हलचल होगी जहर भी उतना कम फैलेगा। यदि हाथ में सांप ने काटा है तो उसे नीचे की ओर लटकाकर रखें ताकि जहर दिल तक पहुंचने में वक्त लग सके। यदि पैर में काटा है तो पलंग पर इस तरह लिटा दें ताकि मरीज के पैर नीचे लटके रहें।

ALSO READ: बारिश में स्किन प्रॉब्लम्स से बचाएंगे ये 4 हेल्थ और ब्यूटी टिप्स
 
सर्पदंश के स्थान को पोटेशियम परमेगनेट या लाल दवा के पानी अथवा साबुन से धोना चाहिए। सर्पदंश के स्थान पर बर्फ न लगाएं। 
 
सर्पदंश के स्थान से दो इंच उपर कपड़े की पट्टी अथवा रस्सी कसकर बांध दें। पट्टी लगभग एक इंच चौड़ी होना चाहिए, साथ ही दंश के 20 मिनट के अंदर बांधी जानी चाहिए। 
 
पट्टी इतना टाइट भी नहीं बांधना चाहिए जिससे खून का प्रवाह पूरी तरह बंद हो जाए। जितने ज्यादा क्षेत्र में पट्टियां बांधेगे उतना फायदा होगा। दिल तक जहर न पहुंचे इसके लिए धड़ को भी पट्टियों से लपेटा जा सकता है। जहां तक संभव हो सके मरीज को पैदल चलने से रोकें। याद रहे कि शरीर की हलचल न्यूनतम हो।


2 घरेलू मक्खी - घरेलू मक्खी सबसे घातक हो सकती है। इसके शरीर पर 10 लाख से भी ज्यादा कीटाणु मौजूद रहते हैं। यह भोजन को संक्रमित कर सकती है जिसकी वजह से उल्टियां या दस्त भी लग सकते हैं। भोजन को ढंककर रखें।

ALSO READ: जानिए बारिश में कैसा हो आपका पहनावा, पढ़ें 6 टिप्स
 
3 बिच्छू - बिच्छू के काटने से मौत होने की आशंका काफी क्षीण रहती है लेकिन इसके दंश से मरीज को बहुत तेज दर्द होता है। मरीज को सुविधाजनक स्थिति में आराम करने दें। उसे चलने फिरने और उत्तेजित होकर कुछ और करने से रोकें। दंश के स्थान को साबुन या एंटीबायोटिक साल्यूशन से धो लें।
 
दंश पर कीटाणु रहित ड्रेसिंग पट्टी लगाएं। दंश के स्थान पर चीरा लगाने की कोशिश न करें। आमतौर पर गर्म सलाई से भी जलाने की कोशिश की जाती है पर ऐसा न करें। घरेलू नुस्खे मरीज की तकलीफ बढ़ाते हैं।

 
4 खटमल - यद्यपि आजकल खटमल सहज रूप से दिखाई नहीं देते लेकिन कई ग्रामीण इलाकों में ये अब भी मौजूद हैं। यह अक्सर होटलों में या पुराने अपार्टमेंट कॉम्पलेक्सेस में पाए जाते हैं। ट्रेनों या बसों में सफर के दौरान खटमल दूसरों के सामानों से निकलकर आप तक भी पहुंच सकते हैं।

ALSO READ: बारिश में भी खाते हैं फिश तो हो जाएं सावधान, हो सकते हैं 4 नुकसान
 
5 लाल चीटी - इन दिनों में लाल चीटियों का प्रकोप भी ज्यादातर घरों में देखा जाता है, जिनके काटने से आपकी त्वचा में जलन, सूजन और अन्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। ये एक साथ बड़ी संख्या में होती हैं और एक बार इनके घर में आने के बाद निराकरण जरा मुश्किल हो जाता है, इसलिए पहले से ही सतर्कता रखें तो बेहतर होगा। 
 
6  कॉकरोच -  कॉकरोच दिखने में गंदे होते हैं तथा साल्मोनेला नामक संक्रमण भी साथ लेकर आते हैं। ये मल की नालियों से निकलकर सीधे आपकी खुली रखी ब्रेड पर चल सकते हैं। इनके पैरों में लगा संक्रमण भोजन सामग्री में पहुंच जाता है। कॉकरोच मरने पर भी आपका पीछा नहीं छोड़ते। इनके मृत शरीर के एलर्जिक रिएक्शन तक होती देखी गई है।

ALSO READ: बरसात के मौसम में अस्थमा के मरीज बरतें ये 12 जरूरी सावधानियां
 
7 पिस्सू - अगर आप बारिश के मौसम में आउटिंग के लिए जा रहे हों तो बड़ी घास और पेड़ पौधों से थोड़ा सावधान रहने की जरूरत होगी। इनमें रहने वाले पिस्सू सीधे आपके शरीर से चिपक सकते हैं। यद्यपि सभी पिस्सू बीमारी लाने वाले नहीं होते लेकिन तकलीफदायक तो होते ही हैं। शरीर पर पहुंचकर पिस्सू कांख अथवा जंघाओं के आसपास के गर्म इलाके में बस जाते हैं। यहीं त्वचा में छेद करके उसके नीचे सरक जाते हैं और बैठकर खून चूसते हैं।
  
सावधानी : सबसे ज्यादा खाने और कपड़ों का ध्यान रखें।, जूते और अलमारी के कोनों पर भी विशेष नजर रखें। बाथरूम-टॉयलेट में सफाई और रोशनी रखें।

सम्बंधित जानकारी

C-Section के बाद नहीं कम हो रही बैली, इन ट्रिक्स को अपनाने से मिलेगा फायदा

राइस वॉटर से बने इस कोरियन हेयर केयर मास्क से मिलेंगे घर पर ही सलून जैसे सॉफ्ट और सिल्की बाल

क्या बच्‍चों का माथा गर्म रहना है सामान्य बात या ये है चिंता का विषय?

क्लटर फ्री अलमारी चाहिए? अपनाएं बच्चों की अलमारी जमाने के ये 10 मैजिक टिप्स

सर्दियों में खुद को बनाए रखें फिट और तंदुरुस्त, पिएं ये प्राकृतिक हर्बल टी

पैरों में झंझनाहट से हैं परेशान? रेस्टलेस लेग सिंड्रोम के हो सकते हैं शिकार

प्रवासी कविता : कवयित्री की जिंदगी की किताब के कुछ पन्ने

Winter Special Diet : वजन घटाने के लिए इन 6 चीजों को जरूर अपने खाने में तुरंत शामिल करें, बनेगा परफेक्ट डाइट प्लान

प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं तो अपनी डाइट लिस्ट से आज ही बाहर करें ये चीजें

भारतीय समाजसेवक ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि, जानें विशेष जानकारी

अगला लेख