क्या आपने कभी काले रंग का अमरूद देखा है? जी हां, हम यहां बात कर रहे हैं काले रंग के अमरूद की ही। हरे, लाल अमरूद तो हम सभी ने खाएं है, लेकिन कहा जाता है कि काला अमरूद इनसे भी ज्यादा स्वादिष्ट है। बिहार का यह 'काला अमरूद' (Black Guava) आजकल चर्चा में है।
गरीब तबकों में कुपोषण अधिक होता है, अत: आम अमरूद को गरीबों का सेब भी कहा जाता है। आम तौर पर अमरूद 30 रुपए से 50 रुपए किलो तक बाजार में आसानी से मिल जाता है। उत्तरप्रदेश के मलीहाबाद के किसानों ने आम जैसी मिठास वाला अमरूद इजाद किया है। और इसको नाम दिया है काला बादशाह, क्योंकि इस अमरूद का रंग काला है। यह मिठास में आम अमरूद से डेढ़ गुना ज्यादा होने से कारण इसे अमरूदों का बादशाह माना गया है।
उत्तरप्रदेश का मलीहाबाद यूं तो आमों के लिए मशहूर है, लेकिन दुर्मट मिट्टी में तेजी से उगने वाले ये मीठे काले अमरूद इसकी खासियत के चलते यह खास लोगों की पसंद बना हुआ है। इसकी कीमत अन्य अमरूदों के मुकाबले 2-3 गुना ज्यादा है। कहते हैं कि एक बार इसको चखेंगे तो इसका स्वाद उम्रभर याद रहेगा। माना जा रहा है कि यह काला अमरूद उम्र लंबी करता है।
काले अमरूद का सेवन जहां पौष्टिक तत्वों की कमी दूर करने में कारगर है, वहीं इसमें एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा बहुत अधिक होती है जो बुढ़ापा आने से रोकती है। काले अमरूद खाने से लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। ऐसे में अगर इस काले अमरूद का सेवन शुरू कर दें तो शरीर के कई पौष्टिक तत्वों की कमी दूर हो जाएगी। भागलपुर क्षेत्र में यह काफी मात्रा में उगाया जा रहा है। काले अमरूद के पेड़, पौधे, पत्तियां, फूल सभी हल्के काले रंग के होते हैं। यहां तक कि जो अमरूद के फल प्राप्त होते है वह भी काले ही होते हैं।