ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट BA.2 तेजी से फैल रहा है। शुरुआत में इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न कहा गया था। देश में ओमिक्रॉन संक्रमित मरीज मिले लेकिन बहुत कम को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी। ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट BA.2 के लक्षण बहुत हद तक समान है लेकिन उल्टी होना नया लक्षण है। विशेषज्ञों के मुताबिक देश में बहुत हद तक हाइब्रिड इम्युनिटी बन चुकी है जिस वजह से भी दशे में तीसरी लहर को रोकने में काफी हद तक मदद मिली है। वहीं ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट BA.2 को अधिक खतरा बताया जा रहा है आइए जानते हैं एक्सपर्ट
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डॉ शरद थोरा, एमडी, इंदौर ने बताया कि, यह बहुत अधिक खतरनाक नहीं है, माइल्ड इंफेक्शन हो सकता है, लेकिन जल्दी ठीक हो जाएंगे। वैक्सीनेटेड लोगों को खतरा कम है और अगर संक्रमित होते भी है तो माइल्ड इंफेक्शन रहेगा। 15 साल से छोटे बच्चे सतर्क रहे और उन्हें प्रिकॉशन डोज नहीं लगी है वे भी जरूर लगवा लें। 60 वर्ष से अधिक उम्र वालों को कोविड अप्रोपिएड बिहेवियर का पालन करना है। अभी उसे छोड़ना नहीं है। इसकी इनफेक्टिविटी ज्यादा है लेकिन बहुत अधिक संक्रामक नहीं है। जनवरी में जब मामले बढ़े थे बहुत से मरीज घर पर ही ठीक हो गए थे। बहुत अधिक दवाओं की जरूरत भी नहीं पड़ी। कोविड नियमों का पालन करें और नए वैरिएंट ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है।
कोविड टास्क फोर्स के सह अध्यक्ष राजीव जयदेवन ने कहा कि BA.2 वैरिएंट बहुत अधिक खासकर उन मरीजों को संक्रमित नहीं करेगा जो पहले ही ओमिक्रॉन से संक्रमित हो चुके हैं। BA.2 ओमिक्रॉन से भी अधिक तेजी से फैलता है। ओमिक्रॉन के नए सब वैरिएंट से वैक्सीन इम्युनिटी पर भी असर पड़ा है और आगे भी इसी तरह चलता रहेगा। अगर आप प्राकृतिक रूप से संक्रमित होते हैं या वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं तब भी आपको संक्रमण हो सकता है। यह वायरस लंबे वक्त तक हमारे साथ रहना है। लेकिन अभी तक जिस तरह से लहर देखी है उस मुताबिक 6 से 8 महीने में पीक आ सकता है।
जापान में हुए एक शोध के मुताबिक BA.2 से फेफड़ों को खतरा हो सकता है। BA.1 से अधिक BA.2 में सिर्फ लंग डिजीज का खतरा अधिक है।