कोरोना वायरस के नए केस में अब लगातार कमी दर्ज की जा रही है। तीसरी लहर की संभावना भी बहुत हद तक कम है। स्वास्थ्य मंत्रालय केसंयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा था कि, कोरोना के मामलों में पूरी दुनिया में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है। भारत में नए मामलों कीसंख्या कम हो गई है। लेकिन कोविड के हॉटस्पॉट राज्य रहे महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में कोविड केस की संख्या अभी है। देशभर मेंसक्रिय मामलों की संख्या इन राज्यों में सबसे ज्यादा है।
वैज्ञानिकों की चेतावनी -
दरअसल, जहां तीसरी लहर की संभावना जनवरी से फरवरी में जताई जा रही थी। वह अब खत्म हो चुकी है। लेकिन WHO के मुताबिक अब और भी नए वैरिएंट आ सकते हैं जो ओमिक्रॉन से ज्यादा खतरनाक साबित होंगे। वहीं डेल्टा और ओमिक्रॉन से बने नए वायरस डेल्टाक्रॉन ने सभी कीचिंता बढ़ा दी है। साथ ही ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट BA.2 स्टेल्थ ओमिक्रॉन को वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित करने की बात कहीं जा रही है।
WHO ने कहा कि बड़ी संख्या में मामले आने का मतलब है कि वायरस म्यूटेड होने में सक्षम है इसलिए यह नहीं जानते कि कब कैसी स्थिति आ जाए। सतर्क रहते हुए उम्मीद की जाना चाहिए कि ओमिक्रॉन के दुनियाभर में फैलने के बाद बड़े स्तर पर यह खत्म हो जाएं।
क्या हाइब्रिड इम्युनिटी बन गई है भारत में?
भारत देश में डेल्टा की वजह से कोविड की दूसरी लहर काफी भयानक रही है। कोविड-19 के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की प्रभावशीलता की जांच केउद्देश्य से किए गए एक अध्ययन में सामने आया कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के कम प्रभावी होने के कारण हाइब्रिड इम्युनिटी है, जो भारत की आधी आबादी से ज्यादा तैयार हो चुकी है। रिसर्चर्स के अनुसार हाइब्रिड इम्युनिटी तब तैयार होती है जब कोई व्यक्ति पहले से ही संक्रमित हो चुका हो और टीका भी लगा दिया जाए।
जानें क्या होती है हाइब्रिड इम्युनिटी ?
हाइब्रिड इम्युनिटी इंसान के शरीर में प्राकृतिक संक्रमण या टीकाकरण के माध्यम से तैयार होती है।
तीसरी लहर से हाइब्रिड इम्युनिटी तैयार हो गई थी
अध्ययन के मुताबिक 16 जनवरी 2020 से शुरू हुए टीकाकरण अभियान में बड़ी तादाद में टीकाकरण हो चुका है। इसी वजह से भारत में तीन चौथाई आबादी के पास हाइब्रिड इम्युनिटी थी। जिससे ओमिक्रॉन गंभीर रूप नहीं ले सका। केरल स्थित केयर के लगभग 2000 लोगों को शोध में शामिल किया गया। शुरुआती अध्ययन में पाया गया कि हाइब्रिड इम्युनिटी की बॉडी में 30 गुना अधिक एंटीबॉडी स्तर उत्पन्न किया है जिन्हें टीके की दोनों खुराक प्राप्त हो चुकी है।
क्या प्रतिबंध हटने से बीमारियों का खतरा बढ़ेगा?
एक तरफ जहां कोविड के मामले गिर रहे हैं लेकिन ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट के बीच कोविड प्रतिबंध हटाने से कहीं खतरा तो नहीं बढ़ जाएगा। दरअसल, पोस्ट कोविड के बाद से मरीज को स्वस्थ होने में काफी लंबा वक्त लग रहा है। शुगर, हार्ट, ब्रेन स्ट्रोक, बीपी, हड्डियों में दर्द, कमजोरी जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
इन देशों में हटा दिए गए प्रतिबंध
स्वीडन
स्वीडन में कोविड-19 के सभी प्रतिबंध हटा दिए गए है। जिन्हें कोविड वैक्सीन नहीं लगी है उन्हें यात्रा करने से पहले कोविड टेस्ट कराना होगा। वह 72 घंटे पुराना नहीं होना चाहिए।
डेनमार्क
डेनमार्क में सभी कोविड-19 प्रतिबंधों को खत्म करने वाला पहला यूरोपीय संघ का देश बना है।हालांकि इसमें फिजिकल डिस्टेंस, मास्क पहनना आवश्यक है। जिन्हें कोविड के दोनों डोज नहीं लगे हैं उन्हें यूरोपीय संघ के बाहर से आ रहे हैं तो 24 घंटे के भीतर टेस्ट कराना होगा और 10 दिन के लिए खुद को आइसोलेट रखना होगा।
यूके
ब्रिटिश सरकार ने मास्क और वैक्सीन पासपोर्ट जैसे प्रतिबंध हटा दिए। यूके को टेस्ट फ्री देश घोषित किया गया। उन्हें वैक्सीन नहीं लगीहै उन्हें यात्रा करने से पूर्व टेस्ट कराना होगा।
इजराइल
इजराइल ने भी घोषणा कर दी है कि कोविड-19 से संबंधित सभी प्रतिबंध हटा दिए गए है। जो कोविड से रिकवर हुए है उन्हें इजराइल आने पर 24 घंटे तक आइसोलेट रहना होगा या जब तक रिपोर्ट नेगेटिव नहीं आ जाती।
दक्षिण अफ्रीका
यहां कोविड से जुड़े सभी प्रतिबंध हटा दिए गए। जिनमें कोविड के लक्षण देखे जा रहे हैं उन्हें 7 दिन तक आइसोलेट रहने की जरूरत है। हालांकि मास्क पहननाअनिवार्य है।