सावधान! निष्कासन से चलता है सेहत का पता

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आपके शरीर से निष्कासित होने वाली वायु से आपकी सेहत का पता चलता है। जी हां, जानकर आपको भले ही अजीब लगे, लेकिन यह बात बिल्कुल सच है। वहीं शरीर से बाहर निकलने वाली वायु की गंध, आपके द्वारा खाए जाने वाले सल्फर युक्त पदार्थों पर निर्भर करती है। इसलिए जब आप भोजन में गोभी, ब्रोकोली, कुछ उगे हुए अंकुरित अनाज या फिर सल्फर से भरपूर मांसाहार का सेवन करते हैं, तो आपके शरीर से जो वायु निष्कासित होती है, वह‍ दुर्गंध युक्त होती है।
एक साधारण मनुष्य दिनभर में लगभग 14 बार वायु का निष्कासन करता है। शरीर से वायु का इस प्रकार निष्कासन भले ही असभ्य या गलत माना जाता हो, लेकिन यह आपके पाचन तंत्र के स्वास्थ्य को दर्शाता है। अगर आप अपने शरीर से सही अनुपात में वायु का निष्कासन करते हैं, इसका मतलब है कि आपका पाचन तंत्र बिल्कुल स्वस्थ है और वह सही तरीके से कार्य कर रहा है।
 
असल में शरीर से निष्कासित होने वाली वायु निचली आंत में मौजूद बैक्टीरिया जनित गैस और वायु का मिश्रण है, जो कि दूषि‍त है। यही कारण है कि‍ जिनके शरीर से वायु का निष्कासन तेज या भीषण तरीके से होता है वे उनकी उस डाइट को दर्शाता है जो बिल्कुल भी सेहतमंद नहीं होती। इसके अलावा यह भी दर्शाता है कि आपका शरीर या पाचन तंत्र लैक्टोज शर्करा को पचा पाने में असमर्थ है।

कई मामलों में डेयरी उत्पादों के खाने के तुरंत बाद गैस का बनना और निष्कासित होना य‍ह दर्शाता है के आपका शरीर दूध में पाई जाने वाली लैक्टोज शर्करा को आसानी से पचा पाने में सक्षम नहीं है। वहीं वायु निष्कासन के समय अत्यधि‍क और असहनीय तीव्र गंध फैलना या बदबू आना आंत संबंधी बीमा‍री या गैस संबंधी पुरानी समस्या की ओर इशारा करता है।

 अगर आप दिनभर में 22 से अधि‍क बार शरीर से वायु निष्कासन कर रहे हैं, तो आप अपने भोजन में ऐसी चीजों को शामिल कर रहे हैं, जो पेट में अत्यधि‍क गैस  बनाने में सहायक होती हैं। दिनभर में अत्यधि‍क कॉफी का सेवन, अधि‍क मात्रा में कर्बोहाइड्रेट, ऐसा भोजन जो आंतों में जाकर अपघटित न हो सके,  अत्यधि‍क सब्जियों का सेवन और खाने को बहुत जल्दी- जल्दी खाने की आदत निष्कासि‍त वायु को और भी दुर्गंधयुक्त बनाने में सहायक होती है।

अगर आप निष्कासित वायु की दुर्गंध से बचना चाहते हैं, तो आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है- 
 
1 सल्फर युक्त खाद् पदार्थों के सेवन से बचें। कुछ मांसाहार में सल्फर की मात्रा अधि‍क होती है। इनके बदले आप मछली या चिकन का प्रयोग कर सकते हैं।
2 भोजन करते समय उसे निगलने से पहले अच्छी तरह से चबाएं। इससे अमाशय में भोजन के अपघटन में मद मिलती है।
3 ताजे फलों और सब्जियों का ही प्रयोग करें यह प्राकृतिक तौर पर नर्म होते हैं और आंतों में जाकर समस्या पैदा नहीं करते।
4 पेट की समस्याओं को हल करने के लिए पेपरमिंट, लहसुन आदि उपाय किए जा सकते हैं, जो सालों से अपनाए जाते रहे हैं। 
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