महिलाओं के सिर दर्द की आयुर्वेदिक चिकित्सा

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यूं तो आमतौर पर अलग-अलग व्यक्तियों में सिर दर्द के अलग-अलग कारण होते हैं। और यह भी सच है कि सिर दर्द के रोगियों में पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों की संख्या ज्यादा पाई जाती है। महिलाओं के सिर दर्द के कुछ नारीगत कारण भी होते हैं, जैसे प्रदर रोग, अनियमित मासिक धर्म, प्रसव के समय किसी भी असावधानी या गलती के कारण होने वाला कोई प्रसूति विकार या गर्भाशय में कोई विकार होना आदि। आयुर्वेद ने इसके 65 प्रकार के बताए हैं।

सिर दर्द की आयुर्वेदिक चिकित्सा
शिर शूलादि वज्र रस, सूतशेखर रस, गोदन्ती भस्म, लक्ष्मीविलास रस अभ्रकयुक्त, चारों 10-10 ग्राम, स्वर्ण माक्षिक भस्म और प्रवाल पिष्टी 5-5 ग्राम लेकर सबको भली-भांति घोंट-पीसकर मिला लें। इसकी 30 पुड़िया बांध लें। सुबह-शाम 1-1 पुड़िया शहद में मिलाकर चाट लें। इसके बाद शंखपुष्पी टेबलेट की 2-2 गोली ठंडे किए हुए दूध के साथ ले लें। भोजन के बाद आधा कप पानी में पथ्यादि काढ़ा और अमृतारिष्ट 4-4 चम्मच डालकर दोनों वक्त पी लिया करें।

अचूक चिकित्सा 
 
सिर दर्द व नारी रोगों से पीड़ित महिलाएं दोनों वक्त भोजन के बाद आधा कप पानी में टॉनिक एफ-22 या सुंदरी संजीवनी डालकर पिएं। सुबह-शाम दूध के साथ दो गोली अशोल टेबलेट लें। यह प्रयोग 3-4 माह तक नियमित करना चाहिए। महिलाओं के सिर दर्द की यह आयुर्वेदिक चिकित्सा अचूक है। 

नोट : किसी भी प्रयोग से पूर्व चिकित्सकीय परामर्श आवश्यक है। 

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