शरीर में यूरिक एसिड के बढ़ने से कई स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि हाइपरयूरिसेमिया का लक्षण प्रोस्टेट कैंसर का भी संकेत हो सकता है। प्रोस्टेट अखरोट के साइज की एक ग्लैंड है जो मेल रिप्रोडक्टिव मेल ऑर्गन का एक हिस्सा है। ये यूरेथ्रा (मूत्रमार्ग) के पास यूरिनरी ब्लैडर के पास स्थित होती है।
प्रोस्टेट ग्लैंड से सेमिनल फ्लूईड निकलता है जिसमें एंजाइम, प्रोटीन और मिनरल्स होते हैं। ये तत्व स्पर्म्स यानि शुक्राणुओं को सुरक्षित रखने में मददगार हैं, साथ ही उन्हें पोषण देते हैं। आमतौर पर पुरुषों को 50 साल की उम्र के बाद प्रोस्टेट से जुड़ी परेशानियां उत्पन्न होती हैं। नॉर्मल प्रोस्टेट तकरीबन 3 सेंटीमीटर मोटा, 4 सेंटीमीटर चौड़ा होता है जिसका वजन 20 ग्राम के करीब होता है। हालांकि, इस उम्र के लोगों में प्रोस्टेट का साइज भी बड़ा होने लगता है। इस स्थिति को मेडिकल टर्म में बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लाज़िया (BPH) कहते हैं।
इस परेशानी के लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं जिन्हें अनदेखा करने पर लोगों के दैनिक कार्य भी बाधित हो सकते हैं। इससे लोगों का लाइफस्टाइल प्रभावित होता है। बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लाज़िया के सामान्य लक्षणों में पेशाब में परेशानी, बार-बार पेशाब आना, इसमें खून आना, इस दौरान जलन होना, रात में ज्यादा पेशाब लगना शामिल है। इसके अलावा, जिन लोगों को यूरिन फ्लो में रुकावट आती है उन्हें भी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
उम्र बढ़ने के साथ ही लोगों में प्रोस्टेट कैंसर का खतरा भी बढ़ने लगता है। ऐसे में बीपीएच के लक्षण सामने आने पर लोगों को जागरुक होकर चिकित्सक के पास जाना चाहिए। हालांकि, इस तरह के कैंसर और बीपीएच में अंतर करने के लिए रेक्टल जांच एवं सीरम पीएसए जांच कराने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन टेस्ट, एमआरआई, ट्रांस रेक्टल अल्ट्रासाउंड स्कैन, बोन स्कैन और पैक स्कैन करवाकर भी प्रोस्टेट के साइज चेक किया जा सकता है।
डॉक्टर के अनुसार तरल पदार्थों का सेवन न कम और न ज्यादा करें। शराब से दूरी बनाएं और कॉफी ज्यादा पीने से भी परहेज करें। खासकर जिन लोगों को रात में पेशाब अधिक लगती है, उन्हें सोने से दो घंटे पहले कुछ भी पीने से बचना चाहिए। मोटापा पर काबू करें और बैलेंस्ड डाइट लें।