(क्या है बर्ड फ्लू… जानें इसका खतरा, लक्षण और बचाव)
देश में कोरोना के खतरे के बीच अब बर्ड फ्लू का खतरा भी बढ़ता जा रहा हैं। देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू फैलता जा रहा हैं, जिससे लगातार कौवों, कबूतर और अन्य पक्षियों की मौत होती जा रही हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इंसानों में भी इसका खतरा बनता जा रहा हैं। कई राज्यों में हाई अलर्ट के तहत मांस, चिकन व अंडों की ब्रिकी पर रोक लगा दी है।
इंसानों में इसके खतरे को देखते हुए समय रहते सावधान होने की जरूरत हैं।
कैसे फैलता है इंसानों में
बर्ड फ्लू ज्यादातर घरेलू मुर्गी, सूअरों, गधे, टर्की, गीस और प्रवासी जलीय पक्षी जैसे जंगली बतख से फैलता है। इंसानों को यह बीमारी तभी होती है जब वो संक्रमित पक्षी के संपर्क में आए हो। उसके बाद यह संक्रमित मरीज से स्वस्थ व्यक्ति में फैलने लगता है।
बर्ड फ्लू के लक्षण
- सांस लेने में तकलीफ होने लगती है
- खांसी की दिक्कत
- कफ का बनना या जमा होना
- हरदम सिरदर्द
- पेट में दर्द और उल्टी होना
- बुखार के साथ शरीर में अकड़न, दर्द व थकान
संक्रमण बढ़ने पर बीमारी
- निमोनिया
- आंखों में जलन- किडनी पर इफेक्ट
- कार्डियक अरेस्ट का खतरा
बचाव के लिए बरतें ये सावधानियां
- घर में पालतू पक्षी ना रखें। अगर पालतू पक्षी रखें है तो साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। साथ ही पक्षी को छूने के बाद आप भी अच्छी तरह हाथ धोएं।
- खुले बाजार या छोटी जगहों से मांस की खरीदारी करने से बचें। इसके साथ ही कच्चा या अधपका मांस ना खाएं।
- हाथों को बार-बार धोएं और सैनेटाइजर भी करें, खासकर पक्षियों और संक्रमित मरीज को छूने का बाद। साथ ही घर से बाहर जाते समय मास्क जरूर पहनें।
- घर के आस-पास साफ-सफाई का खास ध्यान रखें।
- इसके अलावा सही डाइट लें और अधिक मात्रा में तरल चीजों का सेवन करें। एक्सरसाइज और योग करना ना भूलें और शराब और तंबाकू से दूरी बनाकर रखें।
बर्ड फ्लू का इलाज
बर्ड फ्लू का इलाज अलग-अलग तरीकों से इलाज किया जाता है। हालांकि ज्यादातर मामलों में मरीज को एंटीवायरल दवाएं ही दी जाती है। हालांकि इससे बचाने के लिए आप डॉक्टर की सलाह से इन्फ्लूएंजा टीका भी लगवा सकते हैं। बर्ड फ्लू जैसे लक्षण दिखने पर 48 घंटे के अंदर की डॉक्टर से संपर्क करें, नहीं तो यह जानलेवा रूप ले सकता है।