कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की वजह से भारत तीसरी लहर का दंश झेल रहा है। डबल डोज ले चुके लोग भी इसकी चपेट में तेजी से आ रहे हैं। कोविड के इस नए वैरिएंट का असर बच्चों पर भी देखा गया है। पहले संभावना जताई जा रही थी कि अगर कोविड का नया वैरिएंट नहीं आता है तो मार्च तक कोविड खत्म होने की संभावना अधिक थी। लेकिन ओमिक्रॉन के नए सब वैरिएंट ने दस्तक दे दी है। जिसे अधिक आक्रामक माना जा रहा है। हालांकि ओमिक्रॉन वैरिएंट से पैदा एंटीबॉडी न केवल इसके खिलाफ बल्कि डेल्टा समेत कोरोना के सभी वैरिएंट में प्रभावी है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा किए गए नवीनतम अध्ययन से यह ज्ञात हुआ है।
ICMR द्वारा अध्ययन में किए गए शोध में यह सामने आया कि, 'ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीजों में महत्वपूर्ण रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है, जो कोरोना के ओमिक्रॉन और सबसे खतरनाक डेल्टा स्वरूप के खिलाफ भी कारगर साबित हो रहा है। अध्ययन में यह भी सामने आया कि इससे डेल्टा के पुनः संक्रमण की संभावना भी कम हो जाती है।'
अध्ययन में सामने आया कि, कम समय में ही ओमिक्रॉन स्वरूप ने प्राकृतिक संक्रमण और टीकाकरण के खिलाफ उत्पन्न प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया से बचने के लिए उच्च संक्रमण क्षमता दिखाई है।
किए गए अध्ययन में सामने आया कि हमने टीके की दोनों खुराक ले चुके व्यक्ति में आईजीजी और एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने की प्रक्रिया का आकलन किया है। इस विश्लेषण में शामिल हुए प्रतिभागी विदेशों के व्यस्क और भारत के किशोर मौजूद थे।
हालांकि ओमिक्रॉन के नए सब वैरिएंट ने उसका से दहशत का माहौल बन चुका है। क्योंकि बीए.2 वैरिएंट लंग्स पर भी अटैक कर रहा है। सही वक्त पर इलाज मिलने से मरीज ठीक भी हो सकते हैं।