अथर्व पंवार
आजकल हमारे दैनिक जीवन में अलग अलग गैजेट्स भी अंग बन गए हैं। स्मार्ट वॉच , स्मार्ट फोन के साथ साथ उनमें इयरफोन , इयरपोडस या हेडफोन भी प्रमुख है। पर हमें इस बात से भी अवगत होना चाहिए कि यह आपके स्वस्थ के लिए हानिकारक भी हो सकते हैं। इनके कारण ही आज युवाओं को कान में दर्द और काम सुनाई देने जैसी समस्याएं आ रही है।
आजकल लोगों में ,विशेषकर युवाओं में यह देखने को मिलता है कि वह अपने कानों पर यह गैजेट्स लगाए ही रहते हैं। जब वह किसी से प्रत्यक्ष रूप से बात करते हैं तो भी उनके कानों में इनके माध्यम से संगीत चलता ही रहता है। इनका अत्यधिक उपयोग समय के पहले ही उनकी सुनाने की क्षमता कम कर सकता है।
सुनने के गैजेट्स का उपयोग करने के साथ इन बातों का ध्यान रखें -
1 इनको अधिक समय तक ज्यादा वॉल्यूम पर न सुने। वॉल्यूम कम ही रखें। यदि आवश्यकता हो तो ही आवाज बढ़ाएं। अधिक आवाज में सुनाने से आपके कान के परदे कमजोर होते हैं।
2 इन्हें पूरे समय इन्हें कानों पर न लगाए रखें। जब कुछ न सुन रहे हो तो कानों से इन्हें हटा दें।
3 जिन्हें कार्यवश सुनने के लिए इन गैजेट्स का उपयोग करना पड़ता है , वह लोग इयरफोन्स का उपयोग करते हैं। पर उन्हें उसके स्थान पर हेडफोन्स का उपयोग करना चाहिए। इयरफोन ( इन द इयर ) अपनी ध्वनि तरंगों से सीधे कान के परदे पर आघात करते हैं , जिससे यदि ज्यादा वॉल्यूम और अधिक समय तक प्रयोग किया तो आपको जल्द ही कान की मशीन खरीदनी पद सकती है। हैडफोन ( ओवर द इयर ) आपके कानों को आराम भी देता है और सीधे कान के पार्डन पर आघात भी नहीं होता।
4 आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए की आपके गैजेट्स की क्वालिटी कैसी है। कुछ गैजेट्स में TREBLE साउंड या आम भाषा में SHARPNESS अधिक होती है जो कानों के लिए नुकसानदायक है। अधिक BASE के कारण भी परदे अधिक कम्पन महसूस करते हैं। इसीलिए ऐसा गैजेट चुने जिसका साउंड संतुलित हो।
5 कान भी शरीर का अंग है और उसे भी आराम की आवश्यकता होती है। इसीलिए प्रयास करें कि इनका उपयोग कम हो सके। कई बार सोते समय भी इन्हें लगाकर रखते हैं, पर आपको अपने सुनाने की क्षमता लम्बे समय तक रखना हो तो ऐसा ना करें।